42 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
पंजाबी सिंगर दिलजीत दोसांझ इन दिनों अपनी फिल्म ‘सरदार जी 3’ को लेकर चर्चाओं में हैं। अब वह टोरंटो मेट्रोपॉलिटन यूनिवर्सिटी में भी शामिल हो गए हैं, लेकिन छात्र या प्रोफेसर के तौर पर नहीं, बल्कि कोर्स के रूप में।
टोरंटो के NXNE में हुए बिलबोर्ड समिट में यह घोषणा की गई। यह इवेंट संगीत और मीडिया इंडस्ट्री के बड़े नामों को एक मंच पर लाता है। यूनिवर्सिटी के ‘द क्रिएटिव स्कूल’ में दिलजीत पर आधारित कोर्स शुरू होगा। इस कोर्स में दिलजीत के काम का सांस्कृतिक, संगीत और प्रवासी (डायस्पोरा) महत्व पढ़ाया जाएगा। साथ ही, उनके ग्लोबल लेवल पर बढ़ते प्रभाव को भी समझाया जाएगा।

दिलजीत दोसांझ की विवादित फिल्म ‘सरदार जी 3’ 27 जून 2025 को रिलीज हुई।
यह पहली बार नहीं है जब किसी भारतीय सेलिब्रिटी को शिक्षा और मनोरंजन के बीच ब्रिज के रूप में देखा गया हो। इससे पहले भी कई नामचीन हस्तियों को स्कूल की किताबों में जगह मिल चुकी है।
प्रियंका चोपड़ा की कहानी कक्षा 5 में पढ़ाई जाती है पहला नाम प्रियंका चोपड़ा का है। उनकी जीवन कहानी स्कूल के पर्यावरण अध्ययन की किताब में पढ़ाई जाती है। कक्षा 5 के पाठ्यक्रम में शामिल अध्याय का नाम “रूविंग फैमिलीज, शिफ्टिंग होम्स” है।

हाल ही में प्रियंका चोपड़ा की फिल्म ‘हेड ऑफ स्टेट’ 2 जुलाई को रिलीज हुई है।
इसमें उनके बचपन में कई जगह रहने के अनुभव बताए गए हैं। उनके माता-पिता सेना में थे, जिससे उन्हें कई बार घर बदलना पड़ा।
सीबीएसई और महाराष्ट्र बोर्ड में पलक पर पाठ दूसरा नाम है पलक मुच्छल। वह गायन के साथ-साथ चैरिटी के लिए भी जानी जाती हैं। उन्होंने अपने कार्यक्रमों के जरिए दिल और किडनी की बीमारी से पीड़ित बच्चों के इलाज के लिए धन जुटाया।

पलक मुच्छल ने ‘चाहूं मैं या ना’ और ‘कौन तुझे’ जैसे हिट गाने गाए हैं।
उन पर आधारित पाठ सीबीएसई और महाराष्ट्र बोर्ड की किताबों में शामिल है। यह पाठ उनकी समाज सेवा और बच्चों के ऑपरेशन के लिए फंड जुटाने की कहानी बताता है। इसका मकसद छात्रों को समाज सेवा के प्रति प्रेरित करना है।
कक्षा 6 की किताब में रजनीकांत का नाम तीसरा नाम रजनीकांत का है। दक्षिण भारतीय सिनेमा के दिग्गज अभिनेता का नाम CBSE कक्षा 6 की किताब में पढ़ाया जाता है। इस पाठ का नाम “बस कंडक्टर से फिल्म स्टार तक” रखा गया है।

इसमें बताया गया है कि कैसे शिवाजी राव गायकवाड़ ने ‘रजनीकांत’ बनकर प्रसिद्धि हासिल की। यह पाठ उनके संघर्ष और सफलता की कहानी बताता है।

कन्नड़ अभिनेता सिंगनल्लुरु पुट्टस्वामैया मुथुराज को उनके स्टेज के नाम डॉ. राजकुमार से बेहतर जाना जाता है।
कर्नाटक की किताबों में राजकुमार की कहानी चौथा नाम एक्टर डॉ. राजकुमार का है। कन्नड़ फिल्मों के इस प्रसिद्ध अभिनेता का करियर चार दशकों तक चला। कर्नाटक के स्कूलों में उनके जीवन पर चार पन्नों का पाठ पढ़ाया जाता है। कक्षा 5 की किताब में उनके जीवन के शुरुआती दौर और फिल्म करियर की जानकारी दी गई है।