फरीदकोट के प्रोड्यूसर की फिल्म इटली में प्रदर्शित होगी: मदर टेरेसा के जीवन से प्रेरित ‘मदर’ का होगा प्रीमियर, वेनिस फिल्म फेस्टिवल में शामिल – Faridkot News

फरीदकोट के प्रोड्यूसर की फिल्म इटली में प्रदर्शित होगी:  मदर टेरेसा के जीवन से प्रेरित ‘मदर’ का होगा प्रीमियर, वेनिस फिल्म फेस्टिवल में शामिल – Faridkot News


फिल्म निर्माता प्रतीक बागी की फाइल फोटो।

पंजाब में फरीदकोट के 32 वर्षीय नौजवान फिल्म निर्माता प्रतीक बागी द्वारा सह निर्मित अंग्रेजी फिल्म ‘मदर’ को इस साल के वेनिस फिल्म फेस्टिवल, जो दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित सिनेमा आयोजनों में से एक है, में शामिल होगी। यह फेस्टिवल 27 अगस्त से 6 सितंबर तक इ

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फिल्म की शूटिंग उत्तरी मैसेडोनिया, बेल्जियम, स्वीडन, डेनमार्क, बोस्निया और हर्जेगोविना और भारत में हुई है, जिसका मुख्य रूप से निर्देशन प्रशंसित मैसेडोनियन फिल्म निर्माता टेओना स्ट्रुगर मितेवस्का ने किया है। फिल्म के भारतीय हिस्से की जिम्मेवारी प्रतीक ने संभाली। फिल्म में 1948 के कलकत्ता के उन सात महत्वपूर्ण दिनों को दर्शाया गया है, जब मदर टेरेसा वेटिकन के उस फैसले का इंतजार कर रही थी, जिसमें उन्हें मदर सुपीरियर के पद से मुक्त कर दिया जाएगा ताकि वे खुद को पूरी तरह से गरीबों की सेवा में समर्पित कर सकें।

मदर फिल्म का पोस्टर। (फाइल फोटो)

मदर फिल्म के भारतीय हिस्सों की शूटिंग कोलकाता के वास्तविक स्थानों पर की गई, जिनमें हावड़ा ब्रिज, बड़ा बाजार, कुमारतुली रेलवे क्रॉसिंग, सदर्न एवेन्यू, कालीघाट, अहिरीटोला, लेनिन सरणी और एंटाली स्थित लोरेटो कॉन्वेंट और सेंट मैरी स्कूल शामिल हैं, जहां मदर टेरेसा कभी रहती और पढ़ाती थीं।

इस फिल्म में भारतीय टीम से ज्यादातर एसआरएफटीआई के पूर्व छात्र शामिल रहे, उन्होंने यूरोपीय टीम के साथ मिलकर काम किया है। यह फिल्म प्रशंसित मैसेडोनियन लेखक गोसे स्माइलवस्की द्वारा लिखित पटकथा पर आधारित है।

अंतरराष्ट्रीय मंच पर मान्यता मिलने से महसूस हुआ गर्व-प्रतीक बागी कोलकाता स्थित सत्यजीत रे फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट (एसआरएफटीआई) के पूर्व छात्र, कोलकाता स्थित प्रोडक्शन हाउस रेजिंग फिल्म्स के प्रमुख प्रतीक बागी ने कहा कि यह उनके लिए भी एक गर्व और हर्ष का विषय है। फरीदकोट के दिवंगत स्वतंत्रता सेनानी राम प्रसाद बागी के पोते और लैब टेक्नीशियन सतीश बागी व अध्यापिका बिंदु बागी के बेटे प्रतीक ने भारतीय स्वतंत्र सिनेमा में एक अलग पहचान बनाई है।

उनकी पिछली फिल्मों में “मोन पोटोंगो” (2024), “सृष्टि” (2025) और पुरस्कार विजेता “कालकोक्खो” (2021) शामिल हैं, जिसे 69वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में सर्वश्रेष्ठ बंगाली फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था।

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