हिंदी सिनेमा में बायोपिक का चलन ‘डॉ. कोटनीस की अमर कहानी’ के समय से चला आ रहा है लेकिन बीते हफ्ते ही रिलीज हुई फिल्म ‘तुमको मेरी कसम’ ने एक ऐसी कहानी हिंदी सिनेमा में लिख दी है, जिसका दूसरा उदाहरण मिल पाना आने वाले समय में भी बहुत मुश्किल होगा। बीते समय में तो खैर ऐसा कोई उदाहरण दूर-दूर तक नजर नहीं आता। महेश भट्ट की फिल्मों ने अतीत में खूब कारनामे किए हैं। इस बार उन्होंने अपने शागिर्द विक्रम भट्ट के साथ मिलकर जो बायोपिक बनाई है, उसके चलते इसकी निर्माता कंपनी को मोटा नुकसान हो गया है।
इंदिरा आईवीएफ के अनुचित प्रचार की शिकायत
इंदिरा आईवीएफ हॉस्पीटल लिमिटेड देश में कृत्रिम गर्भाधान की व्यवस्था मुहैया कराने वाले अस्पतालों की बड़ी श्रृंखला मानी जाती है। कंपनी ने करीब 3500 करोड़ रुपये बाजार से जुटाने के लिए आईपीओ लाने की तैयारी बीते एक साल से कर रखी है। और इसके लिए उसने सेबी के बार ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएसपी) भी जमा कर दिया था। लेकिन, इस फिल्म की रिलीज होते ही सेबी के पास इसके जरिये इंदिरा आईवीएफ के अनुचित प्रचार की शिकायत पहुंची। बताते हैं कि सेबी ने इस पर अपनी आपत्ति भी जताई।
फिल्म के प्रचार पर लगा पैसा
करीब 20 करोड़ रुपये में बनी अदा शर्मा, इश्वाक सिंह और अनुपम खेर अभिनीत फिल्म ‘तुमको मेरी कसम’ ने रिलीज के पहले हफ्ते में अब तक सिर्फ एक करोड़ रुपये की कमाई की है। गुरुवार को फिल्म की रिलीज का पहला हफ्ता पूरा होगा। फिल्म के प्रचार पर इसके निर्माताओं ने पानी की तरह पैसा बहाया। फिल्म के प्रीमियर पर पूरे देश के तमाम फिल्म पत्रकारों को राजस्थान ले जाया गया और जानकारी के मुताबिक उन्हें महंगे तोहफे भी दिए गए। लेकिन, फिल्म इतनी खराब निकली कि अधिकतर समीक्षकों ने इसे एक या दो स्टार की रेटिंग ही दी है।
इंदिरा आईवीएफ ने नहीं दिया कोई बयान
जानकारी के मुताबिक फिल्म की रिलीज और आईपीओ की टाइमिंग पर आपत्ति उठने के बाद इंदिरा आईवीएफ ने अपना ड्राफ्ट ऑफर ही वापस ले लिया है। कंपनी ने बीते महीने ही इसे सेबी के पास फाइल किया है। इस बारे में सेबी या इंदिरा आईवीएफ ने हालांकि अभी तक आधिकारिक रूप से कोई बयान जारी नहीं किया है लेकिन विक्रम भट्ट के निर्देशन और महेश भट्ट के संरक्षण में बनी फिल्म ने कुछ कुछ वैसा ही किया है जैसी कहावत मुंबई में खूब मशहूर रही है कि खाया पिया कुछ नहीं, गिलास तोड़ा बारह आना!