10 साल हो गए सूरज पंचोली को सलमान खान फिल्म्स की प्रस्तुति फिल्म ‘हीरो’ से लॉन्च हुए। उनके साथ और बाद आए तमाम युवा सितारे तो अपनी कलाबाजियां दिखाकर फिर से हाशिये पर पहुंच भी गए लेकिन, एक लंबे कानूनी संघर्ष से बरी होने के बाद सूरज फिर से चमकने की तैयारी में हैं। उनकी कमबैक फिल्म ‘केसरी वीर’ इसी महीने रिलीज होने जा रही है। इस फिल्म का प्रचार शुरू करते ही अपने सबसे पहले इंटरव्यू में सूरज ने बात की ‘अमर उजाला’ के सलाहकार संपादक पंकज शुक्ल से।
फिल्म ‘केसरी वीर’ के ट्रेलर में आप सोमनाथ धाम की रक्षा के लिए लड़ते दिख रहे है, इस लड़ाई में हमीरजी गोहिल की भूमिका क्या रही?
इस लड़ाई में हमीरजी गोहिल ने जो किया, वह इलाके में भीलों के सरदार वेगडा जी के बिना नहीं होता। वह राजल के बिना नहीं होता। जो हिंदू उस समय हमीरजी के साथ आए, उनके बिना नहीं होता। हमने जो मंदिर बचाया, उसे बचाने का श्रेय अकेले हमीरजी गोहिल को नहीं जाता। वह एक सामूहिक लड़ाई थी, जिसमें संगठन ने शक्ति का काम किया।
हमीरजी गोहिल का चरित्र निभाने के लिए क्या क्या शारीरिक तैयारियां की आपने?
मैंने कभी इसके पहले जीवन में तलवार नहीं चलाई थी। घुड़सवारी जरूर मैं बचपन में कर चुका हूं। इस चरित्र को कैमरे के सामने जीना आसान नहीं था। लेकिन, हमारे पास बेहतरीन एक्शन डायरेक्टर थे। केविन और स्टीवन ने मेरी बहुत मदद की और फिल्म में सुनील शेट्टी सर ने भी मेरा बहुत साथ दिया। फिल्म में मेरा पूरा एक एक्शन सीक्वेंस है उनके साथ। जब शूटिंग से पहले रिहर्सल चल रहे थे तो मैं बस दूर खड़ा रहकर उनको ही देख रहा था कि वह अब भी कितना अभ्यास करते हैं। उनके शरीर की चुस्ती फुर्ती देख तो हम भी शरमा जाते हैं। ऐसा लगता है कि वह अब भी बस 24-25 साल के ही हैं। उन्होंने बिना किसी मदद या सहारे के मुझे अपने कंधों पर उठाया भी है फिल्म में।
और, आपकी मां जरीना वहाब के चेहरे पर आपकी फिल्म ‘केसरी वीर’ के ट्रेलर की प्रतिक्रियाओं के बाद कितना संतोष दिख रहा है?
र, मैं अपने परिवार को लेकर बहुत ज्यादा इमोशनल हूं। हम सब एक ही इमारत मे रहते हैं। ट्रेलर लॉन्च के दिन मैं सोकर उठा तो मेरे पिता (आदित्य पंचोली) के चार मिस्ड कॉल्स थे और मां के पांच। मुझे लग रहा था कि कार्यक्रम में जाने से पहले अगर मैंने इनसे बात की तो मुझसे फिर बोला नहीं जाएगा। मुझे 12 बजे निकलना था और मैं चाह रहा था कि दोनों से आंखें न ही मिलाऊं, लेकिन दोनों पौने 12 बजे से ही इमारत के निकास द्वार पर खड़े हो गए, मुझे आशीर्वाद देकर विदा करने के लिए।
ये तो अच्छी बात है, घर से माता-पिता का आशीर्वाद लेकर ही निकलना चाहिए..
हां, और इस एक बात ने मुझे बहुत भावुक कर दिया। अभी भी हम यहां बैठे हैं। हमारा इस फिल्म के लिए पहला इंटरव्यू आपके साथ हो रहा है। आशा कर सकता हूं कि आपको ट्रेलर अच्छा लगा होगा और आप प्लीज हमारी ये फिल्म भी जरूर देखिएगा। ये सब मैं सिर्फ उनके लिए ही कर रहा हूं।
सुनील शेट्टी और आपके पिता पुराने परिचित रहे हैं, कितना प्यार मिला आपको सुनील शेट्टी से शूटिंग के दौरान?
तो मैंने आपको बताया ही। मैं आपको ये भी बताता हूं कि हमने शो किया था साउथ अफ्रीका में एक साथ। और, सुनील (शेट्टी) सर पूरे टीम के लिए बहुत कुछ करते हैं। जितने सख्त वह बाहर से दिखते हैं, उतने ही सर फनी हैं, अंदर से। उनको प्रैंक्स करना बहुत पसंद है।