‘फिल्मों के लिए अमिताभ बच्चन और शाहरुख की जरूरत नहीं’: फिल्ममेकर शेखर कपूर बोले- अपना स्टार AI से बनाऊंगा, कॉपीराइट भी होगा

‘फिल्मों के लिए अमिताभ बच्चन और शाहरुख की जरूरत नहीं’:  फिल्ममेकर शेखर कपूर बोले- अपना स्टार AI से बनाऊंगा, कॉपीराइट भी होगा


5 मिनट पहले

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WAVES 2025 इवेंट में फिल्ममेकर शेखर कपूर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कहा कि उन्हें अपनी फिल्मों के लिए अमिताभ बच्चन और शाहरुख खान जैसे एक्टर्स की जरूरत नहीं है, क्योंकि वह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से खुद का किरदार और स्टार तैयार करेंगे।

शेखर कपूर ने बताया कि आने वाले समय में फिल्मों में जो बड़े-बड़े स्टार होते हैं, उन्हें बनाने का काम अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) करेगा। उन्होंने समझाया एक्टर सिर्फ एक्टर ही रह जाएंगे, क्योंकि आगे चलकर AI स्टार बनाएगा। AI और भी अधिक मानवीय जैसे स्टार तैयार करेगा। यानी AI अब ऐसे किरदार या चेहरे बना सकेगा जो दिखने में बिल्कुल इंसानों जैसे लगेंगे।

उन्होंने कहा, ‘मैं खुद AI की मदद से एक नया चेहरा बना सकता हूं। चाहे वह लड़का हो, लड़की हो, पुरुष या महिला और उस पर मेरा कॉपीराइट होगा। मतलब वह मेरा अपना बनाया हुआ स्टार होगा, जिसे मैं अपनी फिल्मों में इस्तेमाल कर सकता हूं। बहुत जल्द AI फिल्मों के कई आइडिया सामने आएंगे।

शेखर कपूर ने बताया कि अब तकनीक इतनी आगे बढ़ चुकी है कि फिल्म बनाने के लिए किसी बड़े एक्टर, जैसे अमिताभ बच्चन या शाहरुख खान की जरूरत नहीं। उन्होंने कहा कि आजकल जो कई प्रभावशाली चेहरे या सोशल मीडिया पर मशहूर लोग दिखते हैं, उनमें से कई असली इंसान नहीं हैं, बल्कि उन्हें AI ने बनाया है।

इसका मतलब है कि AI अब ऐसे चेहरे और किरदार बना सकता है जो असली लगते हैं, जिनके पीछे कोई इंसान नहीं है। लेकिन फिर भी वे फेमस हो जाते हैं। तो हम ऐसी फिल्में क्यों नहीं बना सकते, जिनमें एक्टर और किरदार ऐसे हों जो हमने AI से बनाए हों और जो खुद एक स्टार बन जाएं?

मुझे अमिताभ बच्चन और शाहरुख खान की जरूरत नहीं है। अगर मैं वाकई अच्छा हूं, तो मैं ऐसा किरदार बनाऊंगा, जिससे दर्शक प्यार करेंगे। फिर वो मेरा अपना एक्टर होगा। मेरी अपनी दुनिया का सुपरस्टार।

शेखर की मानें तो AI से आम लोगों को मदद मिलती है, जिससे वे अपनी बातें और कला दिखा सकते हैं। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि मशीनों पर ज्यादा निर्भर नहीं होना चाहिए। इंसान और AI में सबसे बड़ा फर्क यह है कि इंसान भावनाएं समझ सकता है और मुश्किल या अनजानी चीजों का सामना कर सकता है। शेखर ने कहा कि जीवन में जो रहस्य और अनिश्चितता होती है, वही हमें जीने की ताकत देती है।

इन फिल्मों को डायरेक्ट कर चुके हैं शेखर कपूर

मासूम, मिस्टर इंडिया, बैंडिट क्वीन और ब्रिटिश बायोग्राफिकल ड्रामा एलिजाबेथ और उसके सीक्वल एलिजाबेथ: द गोल्डन एज (2007) जैसी फिल्मों के डायेक्शन के लिए शेखर कपूर जाने जाते हैं। हाल ही में उन्हें पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

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