Alok Nath-Shreyas Talpade: लखनऊ में आलोक नाथ-श्रेयस तलपदे के खिलाफ एफआईआर दर्ज, धोखाधड़ी से जुड़ा है मामला
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श्रेयस तलपदे, आलोक नाथ – फोटो : एक्स (ट्विटर)
विस्तार
हाल ही में लखनऊ के गोमती नगर पुलिस स्टेशन में एक क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी के सदस्यों समेत 7 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इन लोगों में एक्टर आलोक नाथ और श्रेयस तलपदे भी शामिल हैं। एफआईआर में कहा गया है कि इन लोगों ने 45 निवेशकों से 9.12 करोड़ रुपये ठगे हैं।
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लखनऊ के अलावा हरियाणा में भी मामला दर्ज
सिर्फ लखनऊ ही नहीं हरियाणा के सोनीपत में भी कुछ दिन पहले बॉलीवुड एक्टर आलोक नाथ और श्रेयस तलपदे के खिलाफ एक मामला दर्ज हुआ है। इन दो कलाकारों के अलावा 11 और लोगों पर मल्टी लेवल मार्केटिंग घोटाले का आरोप है और उन पर पुलिस में मामला दर्ज किया गया था। यह मामला एक कोऑपरेटिव सोसाइटी से जुड़ा है, जिसमें कई लोगों से करोड़ों रुपए लेकर कुछ लोग गायब हो गए। यह कोऑपरेटिव सोसाइटी पिछले छह साल से लोगों से पैसे वसूल रही थी लेकिन जब लोगों ने अपने पैसे वापस मांगे तो इसके संचालक फरार हो गए।
श्रेयस-आलोक ने किया था प्रचार
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एक्टर आलोक नाथ और श्रेयस तलपदे ने इस कोऑपरेटिव सोसाइटी की निवेश योजनाओं का प्रचार किया है। इस कोऑपरेटिव सोसाइटी के प्रोग्राम में सोनू सूद भी चीफ गेस्ट के तौर पर शामिल हुए।
कई जगह काराेबार करती है ये कंपनी
एफआईआर में हिसाब से ह्यूमन वेलफेयर क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी नाम की एक संस्था है, जिसने 16 सितंबर 2016 को हरियाणा और लखनऊ समेत कई राज्यों में अपना काम शुरू किया था। यह सोसायटी मध्य प्रदेश के इंदौर में रजिस्टर्ड थी और मल्टी स्टेट कोऑपरेटिव सोसाइटी एक्ट के तहत काम कर रही थी। इस सोसायटी ने निवेशकों को फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) और रेकरिंग डिपॉजिट (आरडी) योजनाओं में इंवेस्ट करने का ऑफर दिया जाता है, उन्हें अच्छी ब्याज दरों का लालच दिया जाता था। इस कंपनी की लगभग 250 से ज्यादा ब्रांच हैं। लेकिन इस कंपनी ने बाद में लोगों से धोखाधड़ी की, उनके पैसे लेकर गायब हो गए। इस कोऑपरेटिव सोसायटी से जुड़े एक एजेंट विपुल ने बताया कि उन्होंने 1,000 से अधिक खाते खोले हैं लेकिन इनमें से किसी भी खाते में अब तक पैसे नहीं आए हैं। इस सोसायटी की 250 से अधिक शाखाएं थीं और करीब 50 लाख लोग इससे जुड़े हुए थे। विपुल ने बताया कि एजेंटों के जरिए लोगों को निवेश के लिए मोटिवेट किया जाता था। इस काम के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का भी इस्तेमाल किया गया, बड़े-बड़े प्रोग्राम भी किए।