भारत-पाकिस्तान के बीच जारी स्थिति और पहलगाम हमले के बाद पैदा हुए तनाव पर शनिवार देर रात महानायक अमिताभ बच्चन ने पहली बार प्रतिक्रिया दी थी। इससे पहले उनकी चुप्पी पर हर कोई सवाल उठा रहा था। अब जब भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम हो गया है और तनाव कम हो रहा है। तब बीती रात बिग बी ने अपने एक्स पर एक बार फिर मौजूदा परिस्थिति पर एक ट्वीट किया है। अपने इस ट्वीट मेंं बिग बी ने रामचरितमानस का भी जिक्र किया है।
बिग ने किया रामचरितमानस का जिक्र
काफी आलोचनाओं के बाद बिग बी अब भारत-पाकिस्तान के बीच पैदा हुई परिस्थितियों पर एक्टिव नजर आ रहे हैं। युद्ध विराम के बाद उन्होंने बीती देर रात एक एक्स पर एक और पोस्ट किया। अपने इस पोस्ट में बिग बी ने तुलसीदास जी की रामचरितमानस की एक पंक्ति का जिक्र करते हुए लिखा, ‘सूर समर करनी करहिं, कहि न जनावहिं आप।’ पंक्ति का अर्थ बताते हुए उन्होंने लिखा, “पंक्ति का अर्थ है कि शूरवीर अपने पराक्रम को युद्ध में करके दिखाते हैं, वे अपनी वीरता का प्रदर्शन करने के लिए बातें नहीं बनाते। यह पंक्ति तुलसीदास जी के रामचरितमानस के लक्ष्मण-परशुराम संवाद से ही ली गई है, कि शूरवीर अपनी वीरता को युद्ध में करके दिखाते हैं, वे अपने मुंह से अपनी प्रशंसा नहीं करते। कायर लोग ही युद्ध में शत्रु को सामने देखकर अपनी वीरता की डींगें हांका करते हैं।”
T 5376(i) – 👇🏽👇🏽👇🏽
the meaning of the poem words below on T 5376 ..
These words of the title are from the Tulsidas Ramcharit Manas .. तूलिसदास रामचरित मानस … the sage Tulsidas’s Ramayan ..
“सूर समर करनी करहिं, कहि न जनावहिं आप” पंक्ति का अर्थ है कि शूरवीर अपने पराक्रम को…
— Amitabh Bachchan (@SrBachchan) May 11, 2025
यह खबर भी पढ़ें: Mother’s Day: अजय देवगन ने मां वीणा और सासू मां तनुजा के साथ मनाया मदर्स डे, तालियां बजाती नजर आईं काजोल
T 5376 – जय हिन्द 🇮🇳
बाबूजी की एक कविता की कुछ पंक्तियाँ _ pic.twitter.com/bej9IPA8Wn
— Amitabh Bachchan (@SrBachchan) May 11, 2025
‘शूरवीर युद्ध में अपनी वीरता दिखाते हैं’
अपनी पोस्ट में आगे बिग बी ने अपने पिता कवि हरिवंश राय बच्चन की पंक्तियों का जिक्र किया। साथ ही इस पोस्ट से पहले शेयर की उनकी कविता के बारे में भी लिखा। उन्होंने लिखा, “हाइलाइट की गई लाइन पूरी है। जिसका मतलब है कि युद्ध में वीर बहादुर, अपनी वीरता दिखाते हैं। वे अपनी बहादुरी और वीरता का गुणगान नहीं करते। वो कायर हैं जो दुश्मन को देखकर केवल अपनी बहादुरी का नारा लगाते हैं। शब्दों ने व्यक्त किया है पहले से कहीं अधिक सत्य। एक कवि और उनकी दृष्टि पहले से कहीं अधिक महान। बाबूजी के यह शब्द 1965 के पाकिस्तान के साथ युद्ध के इर्द-गिर्द लिखे गए। हम जीते और विजयी हुए, जिसके लिए उन्हें 1968 में प्रतिष्ठित साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला, यानी लगभग 60 साल पहले। 60 साल पहले एक दृष्टि जो आज भी वर्तमान परिस्थितियों में सांस लेती है।” इससे पहले बिग बी ने एक तस्वीर शेयर की थी, जिसमें अपने पिता हरिवंश राय बच्चन की एक कविता लिखी हुई थी।
यह खबर भी पढ़ें: Amitabh Bachchan: पहलगाम हमले के 20 दिन बाद बिग बी ने तोड़ी चुप्पी, यूजर्स बोले- दबाव में दी प्रतिक्रिया
T 5375 –
छुट्टियाँ मानते हुए, उस राक्षस ने, निर्दोष पति पत्नी को बाहर खींच कर, पति को नग्न कर, उसके धर्म की पूर्ति करने के बाद , उसे जब गोली मारने लगा, तो पत्नी ने, घुटने पे गिर कर, रो रो अनुरोध करने के बाद भी, की उसके पति को न मारो ; उसके पति को उस बुज़दिल राक्षस ने, बेहद…
— Amitabh Bachchan (@SrBachchan) May 10, 2025
20 दिन बाद पहलगाम हमले पर दी थी प्रतिक्रिया
इससे एक दिन पहले बिग बी ने पहलगाम हमले के 20 दिन बाद घटना को लेकर पहली बार प्रतिक्रिया दी थी। जिसमें उन्होंने अपने बाबूजी यानी कि हरिवंश राय बच्चन की पंक्तियों का जिक्र करते हुए पहलगाम में हुई पूरी घटना को लिखा था। साथ ही उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के लिए देश के प्रधानमंत्री और भारतीय सेना की भी प्रशंसा की थी।