1975 में रिलीज हुई ऋषिकेश मुखर्जी की फिल्म ‘चुपके चुपके’ ने भारतीय सिनेमा में खास जगह बनाई है। आज 11 अप्रैल 2025 को अमिताभ बच्चन और धर्मेंद्र की यादगार फिल्म ‘चुपके चुपके’ को रिलीज हुए पूरे 50 साल हो गए हैं। 1975 में आई यह फिल्म अपनी अनोखी कॉमेडी, शानदार अभिनय और हल्के-फुल्के मनोरंजन के लिए आज भी दर्शकों के दिलों में बसी हुई है। इस गोल्डन जुबली के मौके पर हम इस फिल्म की कहानी, इसके बनने के पीछे के रोचक तथ्य और कुछ अनसुने किस्सों को आपके सामने लेकर आए हैं। यह फिल्म न सिर्फ उस दौर की एक मिसाल है, बल्कि अमिताभ-धर्मेंद्र की जोड़ी की केमिस्ट्री का भी एक शानदार नमूना है।

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चुपके चुपके
– फोटो : एक्स: @BombayBasanti
बंगाली फिल्म की रीमेक है फिल्म
‘चुपके चुपके’ एक ऐसी कॉमेडी फिल्म है, जो न सिर्फ हंसी का खजाना है, बल्कि रिश्तों की गहराई को भी पेश करती है। यह फिल्म बांग्ला फिल्म ‘छद्मबेशी’ का रीमेक है, जिसे उषा किरण और सत्येन बोस ने बनाया था। हिंदी में इसे मशहूर निर्देशक ऋषिकेश मुखर्जी ने अपने खास अंदाज में पेश किया। फिल्म की कहानी डॉ. परिमल त्रिपाठी (धर्मेंद्र) और उनकी पत्नी सुलेखा (शर्मिला टैगोर) के इर्द-गिर्द घूमती है, जो सुलेखा के जीजा राघवेंद्र शर्मा (ओम प्रकाश) को एक मजेदार सबक सिखाने के लिए नकली पहचान का खेल खेलते हैं। इस खेल में प्रोफेसर सुकुमार सिन्हा (अमिताभ बच्चन) और वसुधा (जया बच्चन) जैसे किरदार भी शामिल होते हैं, जो कहानी को और मजेदार बनाते हैं।

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चुपके चुपके
– फोटो : एक्स: @BombayBasanti
दो फिल्मों में तिकड़ी ने मचाया धमाल
यह फिल्म 1975 में सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्मों की सूची में 18वें स्थान पर रही। उस साल ‘शोले’ और ‘दीवार’ जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्मों के बीच भी ‘चुपके चुपके’ ने अपनी खास जगह बनाई और दर्शकों को हंसी का खजाना दिया। फिल्म की शूटिंग के दौरान जया बच्चन गर्भवती थीं और अपनी पहली संतान श्वेता बच्चन को जन्म देने वाली थीं। लेकिन निर्देशक ने फिल्म के शॉट कुछ इस तरह लिए, जिसमें जया प्रेग्नेंट नहीं लग रही थीं। इस फिल्म की मजेदार बात यह भी रही कि इसी साल फिल्म ‘शोले’ भी रिलीज हुई थी, जिसमें फिर लोगों को अमिताभ बच्चन, धर्मेद्र और जया बच्चन की जोड़ी देखने को मिली थी।

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अमिताभ और धर्मेंद्र
– फोटो : एक्स
‘चुपके चुपके’ के निर्माता एन.सी. सिप्पी के बगले में ‘चुपके चुपके’ की शूटिंग का एक बड़ा हिस्सा शूट हुआ था, जिसे बाद में अमिताभ बच्चन ने इसे खरीद लिया था, जिसका नाम आज ‘जलसा’ है। इसी बंगले में अमिताभ बच्चन की कई और भी फिल्में शूट हो चुकी हैं, जिनमें ‘आनंद’, ‘सत्ते पे सत्ता’ और ‘नमक हराम’ फिल्में शामिल हैं। दरअसल, ‘चुपके चुपके’ के बाद ही अमिताभ ने इस बंगले को खरीद लिया था, लेकिन इसके लिए उन्होंने एक भी रुपये कैश नहीं दिए थे, बल्कि ‘सत्ते पे सत्ता’ फिल्म की फीस के रूप में एन.सी. सिप्पी ने यह बंगला बिग बी को तोहफे में दिया था।

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चुपके चुपके
– फोटो : एक्स: @FilmHistoryPic
धर्मेंद्र का डबल रोल जैसा अनुभव
फिल्म में धर्मेंद्र ने डॉ. परिमल त्रिपाठी और प्यारे मोहन के किरदार निभाए। हालांकि, यह तकनीकी रूप से डबल रोल नहीं था, लेकिन उनकी नकली पहचान का किरदार इतना अलग था कि कई दर्शकों को लगा कि वे दो अलग-अलग लोग हैं। धर्मेंद्र ने इस किरदार के लिए अपनी कॉमिक टाइमिंग को खूब निखारा, जो उस दौर में उनके एक्शन हीरो इमेज से बिल्कुल उलट था।