बड़े परदे पर हिट का वनवास खत्म करने के लिए बेकरार रहे अभिनेता, निर्माता, निर्देशक अनुराग कश्यप का दावा है कि वह मुंबई छोड़ चुके हैं। ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ को उनकी आखिरी हिट फिल्म माना जाता है। इसे बनाने वाले स्टूडियो के खाते में ये फ्लॉप फिल्म है। इन दिनों वह ओटीटी पर खतरनाक तरीके से गुस्सा हैं। नेटफ्लिक्स के लिए बनी पहली हिंदी सीरीज ‘सेक्रेड गेम्स’ के दिनों की याद करते हुए वह सोशल मीडिया पर इसी ओटीटी को खूब खरी खरी सुनाते रहे हैं लेकिन अब जाकर फिल्म निर्माता एकता कपूर ने इस पूरे विवाद की गर्दन गुद्दी से पकड़ी है। एकता कपूर का कहना है कि जिसे भी स्टूडियोज या ओटीटी से दिक्कत है, उसे अपने खुद के पैसे से कलात्मक फिल्में बनानी चाहिए और इस विवाद को यहीं खत्म कर देना चाहिए।
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अनुराग कश्यप
– फोटो : अमर उजाला ब्यूरो, मुंबई
कथित रूप से अपनी कहानियों को नकारे जाने के बाद से अनुराग कश्यप नेटफ्लिक्स पर बुरी तरह गुस्सा हैं। लॉस एंजेलिस दफ्तर में काम करते रहे एरिक बामराक से जान पहचान के चलते विक्रमादित्य मोटवानी वेब सीरीज ‘सेक्रेड गेम्स’ बनाने का काम लेकर जब आए थे, तब से लेकर अब तक की सारी कहानी अनुराग ने अपनी एक इंस्टाग्राम पोस्ट में लिख डाली है। साथ में नेटफ्लिक्स के तमाम वैश्विक अधिकारियों को भी इस पोस्ट में खूब भला बुरा कहा है। ये सारी बातें उन्होंने अपनी उस पोस्ट के जवाब में लिखीं, जिसमें उन्होंने नेटफ्लिक्स की सीरीज ‘एडोलेसेंस’ की जमकर तारीफ की। इस सीरीज का हर एपिसोड सिंगल शॉट में फिल्माया गया है।
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एकता कपूर
– फोटो : अमर उजाला ब्यूरो, मुंबई
निर्माता एकता कपूर ने भी मामला इसी ‘एडोलेसेंस’ से पकड़ा है। अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में वह लिखती हैं, “भारत में मनोरंजन सामग्री अभी विकास के दौर से गुजर रही है और कह सकते हैं कि ये अभी ‘एडोलेसेंस’ स्टेज में है। जब भारतीय रचयिता इस बात का रोना रोते हैं कि भारतीय मनोरंजन सामग्री वैश्विक स्तर की नहीं है तो अचरज इस बात पर होता है कि ये उनके अहं का गुस्सा है या कि लोगों पर साधा गया गलत निशाना?”
एकता कपूर की इंस्टाग्राम पर की गई पोस्ट
– फोटो : इंस्टाग्राम@ektarkapoor
वह आगे लिखती हैं, “जब ‘सुपरबॉयज ऑफ मालेगांव’ या कि मेरी अपनी हंसल मेहता निर्देशित फिल्म ‘बकिंघम मर्डर्स’ सिनेमाघरों में नहीं चलती है तो क्या हम इसके लिए असल में दोषी दर्शकों को निशाना बना सकते हैं? लेकिन इसमें आनंद कहां है। जनता को दोषी ठहराना एक तरह से किसी अमूर्त पर निशाना साधने जैसा होता है। उन्हें हम सोशल मीडिया पर गरिया नहीं सकते तो इसमें लोगों को मजा भी नहीं आता। हमें ये मान लेना चाहिए कि भारत का अधिकांश हिस्सा इसमें शामिल है और हमारी मनोरंजन सामग्री अभी विकास के दौर से गुजर रही है।”
एकता कपूर का सबसे तगड़ा कटाक्ष इस पोस्ट के उपसंहार में आता है। वह लिखती हैं, “रचयिताओं, मैं आपसे विनती करती हूं कि आप सिस्टम से दो-दो हाथ करें। पैसे के पीछे भागने वाले ये कॉरपोरेट स्टूडियोज और ओटीटी एप केवल पैसे और नंबर्स के बारे में सोचते हैं। मैं भी ऐसा ही करती हूं। ये हम स्टूडियोज और एप्स की दिक्कत है कि ये इस मनोरंजन की दुनिया को उद्योग मानते हैं। फिल्में बनाना, मनोरंजन सामग्री बनाना कारोबार नहीं है। ये एक कला है और मैं भी कला का साथ देना चाहती हूं। मैं इन रचयिताओं से विनती करती हूं कि अपने पैसे से ये सब बनाएं। समस्या का निदान तुरंत हो जाएगा।”