दादा साहब फाल्के की बायोपिक पर आमिर खान और राजकुमार हिरानी के बड़े ऐलान के बाद उनके पोते चंद्रशेखर श्रीकृष्ण पुसालकर ने अमर उजाला से एक्सक्लूसिव बातचीत में अपने दिल की बात कही। उन्होंने इस प्रोजेक्ट को लेकर खुशी जताई, लेकिन साथ ही राजामौली के अप्रोच न करने पर नाराजगी भी जताई। उन्होंने विद्या बालन को भी फाल्के की पत्नी के रोल के लिए ठीक बताया, पर फैसला टीम पर छोड़ा। पेश हैं बातचीत के खास हिस्से:
आमिर-हिरानी की टीम ने फैमिली से भरोसा हासिल करने के लिए मेहनत की है
आमिर खान और राजकुमार हिरानी का ये प्रोजेक्ट मेरे लिए भी सरप्राइज था। मुझे अभी-अभी पता चला कि उन्होंने टाई-अप किया है। लेकिन उनके असिस्टेंट प्रोड्यूसर, हिंदुकुश भारद्वाज, पिछले तीन सालों से मेरे टच में रहे हैं। वो बार-बार मुझसे मिलने आते थे, रिसर्च करते थे, डिटेल्स पूछते थे। मैंने उन्हें साफ कहा था- आप लोग ईमानदारी से मेहनत कर रहे हो, आप आगे बढ़िए, मुझे कोई आपत्ति नहीं है।
राजामौली ने फाल्के पर फिल्म बनाने से पहले एक बार भी संपर्क नहीं किया
राजामौली के प्रोजेक्ट की भी बातें सुन रहा हूं, पर कभी उन्होंने मुझसे संपर्क नहीं किया। किसी ने भी राजामौली की तरफ से मुझसे बात नहीं की। अगर कोई फाल्के जी पर फिल्म बना रहा है, तो कम से कम फैमिली से तो बात करनी चाहिए। ऐसा नहीं होना चाहिए कि फैमिली को दरकिनार कर दिया जाए। फैमिली ही असली जानकार होती है, वही सही कहानियां बता सकती है।
आमिर खान बहुत सिरीयस फेलो हैं, जो भी काम करते हैं पूरी ईमानदारी से
अगर आमिर खान ये रोल कर रहे हैं, तो मुझे बहुत खुशी है। क्योंकि आमिर खान बहुत सिरीयस फेलो हैं। वो जिस काम में लगते हैं, उसे पूरी ईमानदारी से निभाते हैं। उनके साथ राजकुमार हिरानी जैसे डायरेक्टर भी हैं, जिन्होंने पहले भी बेहतरीन काम किया है। तो मुझे पूरा भरोसा है कि ये टीम फाल्के जी की कहानी को सम्मान के साथ दिखाएगी।
फाल्के जी की पत्नी का रोल बहुत जरूरी है, विद्या बालन इस किरदार के लिए सही हैं
फाल्के जी की लाइफ में उनकी पत्नी का बहुत बड़ा योगदान रहा है। इसलिए मैंने भी रिक्वेस्ट की थी कि फिल्म में उनका किरदार भी सही तरीके से दिखाया जाए। जहां तक एक्ट्रेस की बात है, तो विद्या बालन मुझे इस रोल के लिए सही लगती हैं। उनकी पर्सनैलिटी, उनके एक्सप्रेशन्स इस रोल को जस्टिस कर सकते हैं। लेकिन ये फैसला फिल्म की टीम का होगा, मैं सिर्फ अपनी राय दे सकता हूं।
मराठी फिल्म ने सिर्फ शुरुआती स्ट्रगल दिखाया, ये बायोपिक पूरी लाइफ कवर करेगी
मराठी में जो फिल्म बनी थी, उसमें सिर्फ फाल्के जी की शुरुआती स्ट्रगल दिखाई गई थी। लेकिन ये बायोपिक फुल लाइफ कवर करेगी – कैसे वो बनारस गए, किन मुश्किलों का सामना किया, फैमिली का क्या रोल था, सब कुछ डिटेल में दिखाया जाएगा। मैंने भी भरद्वाज और उनकी टीम से यही कहा था कि फाल्के जी की नेशनल और इंटरनेशनल लेवल पर अचीवमेंट्स को सही तरीके से दिखाना जरूरी है।
हिंदुकुश भारद्वाज की टीम ने हर स्टेज पर मुझसे कंसल्ट किया, स्पॉट्स दिखाए
ये प्रोजेक्ट करीब तीन-चार साल से उनकी प्लानिंग में था। हिंदुकुश भरद्वाज और उनकी टीम ने मुझसे हर स्टेज पर बात की, जगह-जगह लेकर गए, स्पॉट्स दिखाए। उनका ये एफर्ट बहुत जरूरी था, क्योंकि आजकल लोग फैमिली से पूछना जरूरी नहीं समझते। लेकिन उन्होंने फैमिली को इनवॉल्व रखा, ये अच्छी बात है। मैंने देखा है कि आमिर खान और राजकुमार हिरानी की टीम ने मेरे परिवार से भरोसा हासिल करने के लिए मेहनत की है। वो लगातार कंसल्ट करते रहे हैं। इसलिए मैं कह सकता हूं कि ये प्रोजेक्ट सेफ हाथों में है।