हॉलीवुड के कभी पावरफुल समझे जाने वाले निर्माता हार्वे वाइंस्टीन एक बार फिर यौन उत्पीड़न के आरोप में दोषी ठहराए गए हैं। न्यूयॉर्क की अदालत में चल रहे इस बहुचर्चित #MeToo मामले में बुधवार को उन्हें एक प्रमुख आरोप में दोषी पाया गया, जबकि एक अन्य आरोप में उन्हें बरी कर दिया गया। वहीं, तीसरे आरोप पर अभी भी जूरी का फैसला आना बाकी है।
हार्वे वाइंस्टीन को दोषी ठहराया गया
ये मुकदमा पिछले साल उस समय फिर से सुर्खियों में आया जब वाइंस्टीन की साल 2020 में हुई सजा को अदालत ने पलट दिया और मामले की पुनः सुनवाई के आदेश दिए। इस बार की सुनवाई भी उसी मैनहटन कोर्ट में हुई, जहां पहली बार उन्हें दोषी ठहराया गया था।
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इस बार जूरी ने उन्हें 2006 में एक महिला के साथ जबरन यौन कृत्य करने के अपराध में दोषी करार दिया है। लेकिन एक दूसरी महिला के साथ उसी साल किए गए यौन उत्पीड़न के मामले में उन्हें बरी कर दिया गया। तीसरे मामले में, जिसमें 2013 में एक महिला के साथ बलात्कार का आरोप है, उस पर अभी भी विचार जारी है। बता दें इस बार जूरी में ज्यादातर सदस्य महिलाएं थीं।
वाइंस्टीन ने सभी आरोपों से किया इनकार
वाइंस्टीन ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इनकार किया है। उनका दावा है कि उन्होंने कभी किसी महिला के साथ जबरदस्ती नहीं की और उनके साथ जो भी हुआ वो सहमति से हुआ। वहीं, बचाव पक्ष ने पीड़िताओं को महत्वाकांक्षी बताया, जो फिल्म इंडस्ट्री में आगे बढ़ने के लिए वाइंस्टीन के करीब आईं।
जूरी के अंदर ही विवाद की खबरें
सुनवाई के दौरान जूरी के अंदर विवाद की खबरें भी सामने आईं। जूरी के एक सदस्य ने निजी तौर पर जज से बातचीत करने की मांग की थी। उन्होंने शिकायत की कि दूसरे सदस्य उन पर दबाव बना रहे हैं और एक ने यहां तक कहा कि ‘मैं तुम्हें बाहर मिलूंगा’, जिससे उनकी सुरक्षा को लेकर चिंता जताई गई। वाइंस्टीन के वकील ने इस पूरे घटनाक्रम को लेकर मिस्ट्रायल की मांग की, लेकिन अभियोजन पक्ष ने इसे सामान्य जूरी प्रक्रिया बताया जिसमें एक-दूसरे को समझाने की कोशिश होती है।
बुधवार को जूरी ने पीड़िता जेसिका मैन की गवाही दोबारा सुनी, जिसमें उन्होंने 2013 में होटल में हुए बलात्कार की जानकारी दी थी। कई जूरी सदस्यों ने इस दौरान नए नोट्स लिए, जबकि कुछ ने शांत भाव से बयान को सुना।
वाइंस्टीन को लगा झटका
फिलहाल, वाइंस्टीन के लिए ये फैसला आंशिक रूप से झटका है तो अभियोजन पक्ष के लिए भी आधी जीत। इस केस का फैसला #MeToo मूवमेंट के लिए एक और महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है। वाइंस्टीन की उम्र और उनके खिलाफ पहले से चले आ रहे मामलों को देखते हुए उन्हें सख्त सजा का सामना करना पड़ सकता है। अब सबकी निगाहें जूरी के अंतिम फैसले पर टिकी हैं, जो तीसरे आरोप पर जल्द सामने आ सकता है।