निर्माता, निर्दशक और लेखक नागेश कुकुनूर आज अपना 58वां जन्मदिन मना रहे हैं। निर्माता अपने संवेदनशील और गहरे संदेश वाली फिल्मों के लिए जाने जाते हैं। 2005 में आई ‘इकबाल’ फिल्म ने नागेश को सिनेमा जगत में एक खास पहचान दिलाई थी। बचपन में फिल्मों के शौकीन ने बनाया उन्हें कहानियों का मास्टर। आइए जानते हैं किस तरह फिल्मों में बनाई खास जगह।

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नागेश कुकुनूर
– फोटो : इंस्टाग्राम- @nageshkukunoor
इंजीनियर नागेश में दिखा सिनेमा का जुनून
नागेश कुकुनूर का जन्म हैदराबाद में 30 मार्च, 1967 को हुआ था। कुकुनूर को बचपन से ही फिल्मों का शौक था, अक्सर वह अपने घर के पास सिनेमाघरों में तेलुगु, हिंदी फिल्में देखने जाया करते थे। उन्होंने उस्मानिया विश्वविद्यालय से केमिकल इंजीनियरिंग में स्नातक के बाद जॉर्जिया से पर्यावरण इंजीनियरिंग में मास्टर किया। इसके बाद उन्होंने पर्यावरण सलाहकार के तौर पर अमेरिका में नौकरी की। नागेश के अंदर बसे सिनेमा के जुनून ने उन्हें फिल्म कार्यशालाओं में भाग लेने पर मजबूर किया। इसके बाद वह भारत लौटकर धीरे-धीरे फिल्मी दुनिया में अलग तरह की फिल्मों के जरिए कदम बढ़ाने की सोचने लगे।
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हैदराबाद ब्लूज
– फोटो : इंस्टाग्राम- @nageshkukunoor
फिल्मों की दुनिया में भीड़ से हटके किया काम
नागेश कुकुनूर ने अमेरिका से लौटने के बाद इंजीनियरिंग से कमाए हुए पैसों का एक शनदार उपयोग किया और एक फिल्म की तैयारी में लग गए। साल 1998 में रिलीज हुई फिल्म ‘हैदराबाद ब्लूज’ के स्क्रिप्ट को नागेश ने खुद लिखा, निर्देशित किया और उसमें अभिनय भी किया। यह उस समय की सबसे सफल स्वतंत्र फिल्म बनी और उन्हें इंडस्ट्री में एक अनोखी पहचान मिली। इस फिल्म में एक एनआरआई की कहानी दिखाई जाती है, जो अमेरिका से भारत लौटता है फिर अपनी पहचान और मूल्यों के प्रति संघर्ष करता दिखता है। यह एक द्विभाषी फिल्म थी।

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नागेश कुकुनूर की फिल्में
– फोटो : अमर उजाला
सिनेमा की दुनिया में नागेश की चर्चित फिल्में
‘हैदराबाद ब्लूज’ फिल्म के बाद नागेश कुकुनूर ने ‘3 दीवारें’ फिल्म बनाई, जिसे सर्वश्रेष्ठ कहानी के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार मिला था। 2006 में निर्देशक कुकुनूर ने एक फिल्म बनाई ‘इकबाल’, जिसने उनकी किस्मत को पूरी तरह पलट कर रख दिया था। इस फिल्म में श्रेयस तलपड़े, नसीरुद्दीन शाह जैसे कई कलाकारों के साथ खुद नागेश ने भी इसमें एक व्यवसायी चोपड़ा की भूमिका अदा की थी। फिल्म की कहानी एक मूक-बधिर लड़के की है, जिसका सपना भारतीय क्रिकेट टीम में खेलने का है। फिल्म की जबरदस्त कहानी ने लोगों का ध्यान खींच लिया था। इसके अलावा नागेश कुकुनूर ने ‘डोर’, ‘लक्ष्मी’, ‘धनक’, ‘आशाएं’, ‘आधुनिक’ जैसी तमाम फिल्में कीं।
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इकबाल फिल्म
– फोटो : यूट्यूब@ Film City HD
पुरस्कार और सम्मान
नागेश कुकुनूर ने पारंपरिक फिल्मों को छोड़ सिनेमा की दुनिया में एक नया अध्याय जोड़ने का काम किया है। इसके लिए उन्हें कई पुरस्कार भी मिलें। ‘इकबाल’ फिल्म के लिए सर्वश्रेष्ठ फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला और इसी फिल्म के लिए कुकुनूर को सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार मिला। इसके अलावा ‘धनक’ फिल्म को बच्चों की कैटेगरी में सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का पुरस्कार मिला। साथ ही ‘लक्ष्मी’ फिल्म के लिए पाम स्प्रिंग्स अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में सर्वश्रेष्ठ कहानी के लिए मर्सिडीज बेंज ऑडियंस अवार्ड मिला। कुछ ऐसा शानदार करियर है नागेश कुकुनूर का।