भारत में हुए आतंकी हमलों ने न केवल देश की सुरक्षा व्यवस्था को झकझोरा, बल्कि मनोरंजन जगत पर भी गहरा प्रभाव डाला। खास तौर पर, जब बात पाकिस्तानी कलाकारों या गायकों की बॉलीवुड फिल्मों में भागीदारी की आती है तो आतंकी हमलों के बाद जनता और संगठनों का गुस्सा इन फिल्मों पर उतरता नजर आया है। हाल ही में पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तानी अभिनेता फवाद खान की फिल्म ‘अबीर गुलाल’ पर बैन की मांग और विरोध इसका ताजा उदाहरण है। इस घटना ने एक बार फिर उन फिल्मों को चर्चा में ला दिया, जो 26/11 मुंबई हमले (2008), उरी हमले (2016), और पुलवामा हमले (2019) के बाद पाकिस्तानी कलाकारों की मौजूदगी के कारण विवादों में घिरीं और जिन पर बैन की मांग या विरोध हुआ। आइए, इन हमलों के बाद प्रभावित हुईं फिल्मों पर नजर डालते हैं।
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अबीर गुलाल
– फोटो : अमर उजाला ब्यूरो, मुंबई
पहलगाम हमला के बाद बैन हुई ‘अबीर गुलाल’
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने देश को फिर से दहला दिया। इस हमले के बाद पाकिस्तानी अभिनेता फवाद खान की आगामी फिल्म ‘अबीर गुलाल’ पर गुस्सा भड़क उठा। यह फिल्म 9 मई 2025 को रिलीज होने वाली थी, लेकिन अब खबर है कि इसे रिलीज नहीं किया जाएगा। यह पहली बार नहीं है जब आतंकी हमले के बाद किसी फिल्म को निशाना बनाया गया हो। बीते आतंकी हमलों के बाद भी कई फिल्में ऐसी रही हैं, जिन्हें विरोध और बैन की मांग का सामना करना पड़ा।
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रब ने बना दी जोड़ी
– फोटो : एक्स
26/11 मुंबई अटैक (2008)
26/11 के मुंबई हमले ने भारत-पाकिस्तान संबंधों पर गहरा असर डाला। इस हमले के बाद पाकिस्तानी कलाकारों के बॉलीवुड में काम करने पर पहली बार संगठित विरोध देखने को मिला। हालांकि, उस समय कोई फिल्म आधिकारिक तौर पर बैन नहीं हुई, लेकिन कुछ फिल्मों और गायकों पर विवाद जरूर हुआ।
- रब ने बना दी जोड़ी (2008): इस फिल्म में पाकिस्तानी गायक राहत फतेह अली खान का गाना था। हमले के बाद कुछ संगठनों, जैसे शिवसेना और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) ने उनके गानों को हटाने की मांग की। हालांकि, फिल्म रिलीज हुई।
- रेस (2008): आतिफ असलम का गाना ‘पहली नजर में’ इस फिल्म का हिट गाना था। हमले के बाद राष्ट्रवादी संगठनों ने आतिफ जैसे पाकिस्तानी गायकों के बॉलीवुड में योगदान पर सवाल उठाए। कुछ जगहों पर उनके गानों को हटाने की मांग हुई, लेकिन कोई बड़ा बैन लागू नहीं हुआ।
- वेलकम टु सज्जनपुर (2008): इस फिल्म में भी राहत फतेह अली खान का गाना शामिल था। कुछ स्थानीय संगठनों ने इसे हटाने की मांग की, लेकिन फिल्म की रिलीज पर कोई असर नहीं पड़ा।
- 2008 में विरोध सीमित थे और कोई आधिकारिक प्रतिबंध नहीं लगा। लेकिन इस हमले ने पाकिस्तानी कलाकारों के खिलाफ माहौल बनाना शुरू कर दिया, जो बाद के हमलों में और तेज हुआ।
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रईस
– फोटो : एक्स
उरी अटैक (2016)
18 सितंबर 2016 को हुए उरी हमले ने देश में आक्रोश की लहर पैदा की। इस हमले के बाद बॉलीवुड में पाकिस्तानी कलाकारों पर पहली बार संगठित और आधिकारिक प्रतिबंध की मांग उठी। इंडियन मोशन पिक्चर प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन (IMPPA) ने पाकिस्तानी कलाकारों और तकनीशियनों पर बैन की घोषणा की। इसके साथ ही कई फिल्मों पर भी विवाद हुए।
- ऐ दिल है मुश्किल (2016): करण जौहर की इस फिल्म में पाकिस्तानी अभिनेता फवाद खान ने सहायक भूमिका निभाई थी। उरी हमले के बाद एमएनएस ने फिल्म की रिलीज का विरोध किया और फवाद के दृश्य हटाने की मांग की। सिनेमाघरों में प्रदर्शन बाधित करने की धमकी दी गई। करण जौहर ने एक वीडियो बयान जारी कर कहा कि वे भविष्य में पाकिस्तानी कलाकारों के साथ काम नहीं करेंगे, जिसके बाद फिल्म रिलीज हो सकी।
- रईस (2017): इस फिल्म में पाकिस्तानी अभिनेत्री माहिरा खान ने शाहरुख खान के साथ मुख्य भूमिका निभाई थी। उरी हमले के बाद एमएनएस और अन्य संगठनों ने माहिरा की भागीदारी पर आपत्ति जताई। निर्माताओं ने माहिरा को प्रचार से दूर रखा और उनके दृश्यों को कम प्रचारित किया, जिससे फिल्म रिलीज हो सकी।
- रेस 3 (2018): हालांकि, यह फिल्म बाद में रिलीज हुई, लेकिन इसमें आतिफ असलम का गाना ‘अल्लाह दुहाई है’ शामिल था। उरी हमले के बाद बने माहौल के कारण आतिफ जैसे गायकों के गानों पर विवाद हुआ और कुछ संगठनों ने इसे हटाने की मांग की।
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कलंक
– फोटो : एक्स
पुलवामा अटैक (2019)
14 फरवरी 2019 को पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तानी कलाकारों के खिलाफ विरोध चरम पर पहुंच गया। ऑल इंडिया सिने वर्कर्स एसोसिएशन (AICWA) और फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉइज (FWICE) ने घोषणा की कि कोई भी पाकिस्तानी कलाकारों के साथ काम करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
- नोटबुक (2019): सलमान खान की इस प्रोडक्शन में आतिफ असलम का गाना शामिल था। एमएनएस की मांग के बाद टी-सीरीज ने गाना हटा दिया। फिल्म को पाकिस्तान में भी रिलीज नहीं किया गया।
- टोटल धमाल (2019): इस फिल्म के निर्माताओं ने स्वेच्छा से इसे पाकिस्तान में रिलीज न करने का फैसला किया। हालांकि, इसमें कोई पाकिस्तानी कलाकार नहीं था, लेकिन हमले के बाद बने माहौल ने निर्माताओं को ये फैसला लेने पर मजबूर किया था।
- कलंक (2019): इस फिल्म में आतिफ असलम का गाना ‘आइरा’ शामिल होने वाला था। हमले के बाद टी-सीरीज ने गाना हटा दिया और आतिफ के अन्य वीडियो भी अपने प्लेटफॉर्म से हटा दिए।
- वेलकम टु न्यूयॉर्क (2018): इस फिल्म में राहत फतेह अली खान का गाना ‘इस्म-ए-आजम’ था। हमले के बाद टी-सीरीज ने उनके गाने हटाने की घोषणा की।
- पुलवामा हमले के बाद टी-सीरीज ने आतिफ असलम और राहत फतेह अली खान जैसे गायकों के गानों को अपने यूट्यूब चैनल से हटाने का फैसला किया, जिससे बॉलीवुड में उनकी मौजूदगी लगभग खत्म हो गई।