Panchayat Season 4 Review: ग्राम ‘पंचायत’ फुलेरा से ग्रामीण जीवन लापता, जैसे मनरेगा का काम करा दिया जेसीबी से

Panchayat Season 4 Review: ग्राम ‘पंचायत’ फुलेरा से ग्रामीण जीवन लापता, जैसे मनरेगा का काम करा दिया जेसीबी से


Movie Review

पंचायत सीजन 4

कलाकार

जितेंद्र कुमार
,
नीना गुप्ता
,
रघुवीर यादव
,
फैसल मलिक
,
दुर्गेश कुमार
,
चंदन रॉय
,
सुनीता राजवार
,
पंकज झा
और
सान्विका आदि

लेखक

चंदन कुमार

निर्देशक

अक्षत विजयवर्गीय
और
दीपक कुमार मिश्रा

निर्माता

दीपक कुमार मिश्रा
,
विजय कोशी
और
श्रेयांस पांडे

रिलीज

24 जून 2025

बीते कुछ दिनों से मैं भी अपने फुलेरा मतलब अपने गांव में हूं। फुलेरा की कहानी के सीजन 4 में जो कुछ मिसिंग है, वह सब यहां है। 24 घंटे बिजली की आंख मिचौली चलती रहती है। ग्राम प्रधान और खंड विकास कार्यालय के बीच विकास योजनाओं का करंट ऊपर नीचे होता रहता है। मनरेगा के काम ठेके पर हो रहे हैं। स्कूल के अध्यापक इस बात को लेकर अभी से चिंताग्रस्त हैं कि जनगणना में उनके ऊपर कितना बोझ आने वाला है। ग्राम पंचायतों और स्कूलों के विलय को लेकर भी खूब बातें होती हैं। सब अपने-अपने काम में बिजी हैं। गांव की राजनीति भी चलती रहती है। मिठाई की दुकान से लेकर मंदिर के बरामदे तक। लेकिन, इस बार फुलेरा ग्राम पंचायत में ये सब नहीं है। न दिशा मैदान करने गए प्रधान जी की चाभी गुम होने जैसा कुछ है, न भुतहा पेड़ के नीचे लेटे प्रह्लाद चा का चेहरा चमक पा रहा है। वेब सीरीज ‘पंचायत सीजन 4’ का जो रूप है, वह इसकी लिखाई के फरमे में ढल जाने का सबूत है। और, ये सलाह इस बात की भी है कि एक बार जो कहानी हिट हो जाए तो उसे च्यूइंग गम सरीखा मत खींचो। 

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