पाओली दाम की नई फिल्म ‘छाद- द टेरस’ आ रही है। ‘छाद’ यानी छत। ये एक बांग्ला फिल्म है जिसमें मुख्य भूमिका में अभिनेत्री पाओली दाम नजर आएंगी। 20 साल में परदे तक पहुंच सकी इस कहनी को राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम के सहयोग से बनाया गया है। पाओली की मानें तो ये फिल्म हर दर्शक के दिल को छूएगी और एक प्रेरणादायक संदेश देने में कामयाब रहेगी।
पाओली दाम को लोग निर्देशक विवेक अग्निहोत्री की इरॉटिका ‘द हेट स्टोरी’ के लिए आज भी याद करते हैं, लेकिन इससे पहले और इसके बाद भी पाओली का काम शानदार रहा है। साल 2004 में बंगाली टेलीविजन शो ‘जिबोन नीयेहेला’ से अपने करियर की शुरुआत करने वाली पाओली ने ‘तीथिर अतीथी’ और ‘सोनार हरिन’ जैसे कई लोकप्रिय धारावाहिकों में काम किया। कोलकाता मे पली-बढ़ी पाओली ने राजाबाजार साइंस कॉलेज से केमिस्ट्री में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। पाओली कहती हैं, “फिल्म ‘छाद’ सिर्फ एक छत की कहानी नही, बल्कि उस स्त्री के सपनों और आजादी की तलाश का प्रतीक है, जो सीमाओं से परे उड़ना चाहती है।”
पाओली का कहना है, “मैं रिसर्च में अपना करियर बनाना चाहती थी, लेकिन किस्मत मुझे सिनेमा की दुनिया में खींच लाई और अब पता चलता है की यह मेरे लिए काफी अच्छा है, क्यूंकी केमिस्ट्री तो फिल्मों मे भी दिखाई पड़ती है।” 2011 में फिल्म ‘चत्रक’ में उनके दमदार अभिनय ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई। छोटे पर्दे से बड़े पर्दे तक का सफर तय करते हुए उन्होंने कई बंगाली और हिंदी फिल्मों में काम किया। फिल्म ‘हेट स्टोरी’ से बॉलीवुड में डेब्यू करने के बाद वह ‘अंकुर अरोड़ा मर्डर केस’ में भी नजर आईं।
इंद्राणी चक्रबर्ती की बतौर निर्देशक ‘छाद – द टेरिस’ पहली फीचर फिल्म है। महिला सशक्तिकरण पर आधारित यह बंगाली फिल्म एक महिला की इच्छाओं, सहनशीलता और उसकी शांत शक्ति के बारे में कहै। इंद्राणी न सिर्फ इस फिल्म की निर्देशक हैं, बल्कि इसकी लेखक भी हैं। इससे पहले, वह राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता डॉक्यूमेंट्री ‘लद्दाख चले रिक्शावाला’ बना चुकी हैं। इस फिल्म में पाओली दाम के साथ राजनंदिनी पॉल और राहुल बनर्जी मुख्य किरदारों मे नजर आएंगे।
अभिनेत्री पाओली दाम ने फिल्म ‘छाद – द टेरिस’ को चुनने के पीछे की खास वजह साझा की। जब निर्देशिका इंद्राणी चक्रबर्ती उन्हें फिल्म का नैरेशन देने आईं, तो पाओली ने सबसे पहले फिल्म का नाम पूछा। जैसे ही उन्हें बताया गया कि फिल्म का नाम ‘छाद’ (छत) है, उन्होंने तुरंत हामी भर दी। छत उनकी पसंदीदा जगह है, जहां खुली हवा में वे खुद से मिलती हैं, ठीक उसी तरह जैसे फिल्म की मुख्य किरदार मित्रा। मित्रा स्कूल टीचर है और लेखन मे अपना करियर बनाना चाहती है। उसे स्केचिंग और लिखना बेहद पसंद है, और उसकी सबसे सुकून भरी जगह उसकी छत होती है। वहीं बैठकर वह अपने विचारों को खुले आसमान में उड़ने देती है। लेकिन उसके पति को यह पसंद नही।