Rajendra Kumar: पिता से मिली घड़ी 50 रुपये में बेचकर मुंबई आए थे एक्टर, मेहनत और प्रतिभा ने बनाया जुबली कुमार

Rajendra Kumar: पिता से मिली घड़ी 50 रुपये में बेचकर मुंबई आए थे एक्टर, मेहनत और प्रतिभा ने बनाया जुबली कुमार



अभिनेता राजेंद्र कुमार इस दुनिया में नहीं हैं। मगर, उनका सिनेमा, उनसे जुड़े किस्से आज भी दर्शकों के बीच बड़े चाव से कहे-सुने जाते हैं। राजेंद्र कुमार ने साल 1999 में आज ही के दिन इस दुनिया को अलविदा कहा था। वे 60 और 70 के दशक के लोकप्रिय अभिनेता थे। जानते हैं उनके बारे में




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Rajendra Kumar death anniversary: Know About jubilee kumar career movies family and Unknown Facts OF Life

राजेंद्र कुमार
– फोटो : इंस्टाग्राम


पिता के कपड़ों के बिजनेस को छोड़ सिनेमा का किया रुख

राजेंद्र कुमार का जन्म 20 जुलाई 1927 को ब्रिटिश भारत के पंजाब प्रांत के सियालकोट शहर में हुआ था, जो अब पाकिस्तान में है। विभाजन के बाद उनका परिवार भारत आया। उनके पिता ने भारत में कपड़ों का व्यापार शुरू किया। लेकिन, राजेंद्र कुमार की दिलचस्पी सिनेमा में थी, लिहाजा उन्होंने फिल्मी दुनिया में किस्मत आजमाने का फैसला किया। हीरो बनने से पहले उन्होंने कई साल असिस्टेंट के रूप में काम किया। उन्हें सबसे पहले डायरेक्टर एचएस रवैल के सहायक के रूप में काम मिला। लगभग पांच वर्षों तक उन्होंने एचएस रवैल के साथ काम किया और इस दौरान ‘पतंगा’, ‘सगाई’, ‘पॉकेट मार’ जैसी फिल्मों में सहायक के रूप में काम किया।


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राजेंद्र कुमार
– फोटो : इंस्टाग्राम


जेब में 50 रुपये लेकर मुंबई आए थे अभिनेता

इंडस्ट्री में कदम रखने और सफलता का शिखर छूने के बीच राजेंद्र कुमार ने संघर्ष का एक दौर देखा। उन्होंने अभिनेता बनने के लिए मुंबई की ओर अपने कदम बढ़ाए थे, तब उनकी जेब में मात्र 50 रुपये थे और यह 50 रुपये भी उन्होंने अपने पिता से मिली घड़ी को बेचकर पाए थे। मुंबई आकर जब उन्होंने सबसे पहले डायरेक्टर एचएस रवैल के सहायक के तौर पर काम किया, तो उन्हें 150 रुपये मिले थे। उन्हीं के साथ रहते हुए राजेंद्र कुमार ने सिनेमा की बारीकियां सीखीं।


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मदर इंडिया
– फोटो : सोशल मीडिया


‘मदर इंडिया’ ने दी करियर को रफ्तार

साल 1950 में उनकी पहली फिल्म ‘जोगन’ आई। राजेंद्र कुमार की पहली फिल्म बेशक 1950 में रिलीज हुई थी लेकिन उन्हें अपना नाम सिनेमा में बनाने में काफी समय लग गया। साल 1957 तक सिनेमा में उनका संघर्ष जारी रहा। इसी साल बॉलीवुड की आइकॉनिक फिल्म ‘मदर इंडिया’ रिलीज हुई। इसमें राजेंद्र कुमार ने नरगिस के बड़े बेटे रामू का रोल अदा किया। उनकी भूमिका बेशक छोटी थी, मगर दर्शकों पर बड़ा असर कर गई। फिर, उन्होंने करियर में पीछे मुड़कर नहीं देखा। इसके बाद ही राजेंद्र कुमार की फिल्म ‘गूंज उठी शहनाई’ रिलीज हुई, जिसमें उन्होंने बतौर लीड एक्टर काम किया और छा गए। इसके बाद राजेंद्र कुमार ने धूल का फूल, मेरे महबूब, आई मिलन की बेला, संगम, आरजू, सूरज जैसी कई हिट फिल्में दीं। 


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राजेंद्र कुमार
– फोटो : इंस्टाग्राम


26 हफ्ते थिएटर्स में सजी रहती थीं फिल्में

फिल्म ‘गूंज उठी शहनाई’ से राजेंद्र कुमार को रोमांटिक हीरो के तौर पर पहचाना जाने लगा। 1960 के दशक में उनकी कई फिल्में एक साथ सिनेमाघरों में हिट साबित हुईं। ये फिल्में सिनेमाघरों में लगातार 25 हफ्तों तक लगी रहीं, जिसके बाद उन्हें ‘जुबली कुमार’ के नाम से पुकारा जाने लगा। अपने करियर में राजेंद्र कुमार ने 80 से ज्यादा फिल्मों में काम किया। ‘धूल का फूल’, ‘पतंग’, ‘धर्मपुत्र’ और ‘हमराही’  उनकी सुपरहिट फिल्मों में से हैं। 


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