Ramesh Deo: घोड़ों की रेस की वजह से मिली पहली मराठी फिल्म, चायवाले की बात सुनकर किया हिंदी सिनेमा का रुख

Ramesh Deo:  घोड़ों की रेस की वजह से मिली पहली मराठी फिल्म, चायवाले की बात सुनकर किया हिंदी सिनेमा का रुख



रमेश देव
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


रमेश देव भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में एक प्रतिष्ठित अभिनेता थे। अपनी अदाकारी से उन्होंने लोगों के दिलों में खास जगह बनाई थी। उनका योगदान न केवल हिंदी, बल्कि मराठी सिनेमा में भी काफी ज्यादा था। उनके जन्मदिन पर आइए  जानते हैं उनसे जुड़ी कुछ खास बातें….

Trending Videos

पहली फिल्म मिलने का दिलचस्प है किस्सा

रमेश देव का फिल्मी सफर शुरू होने के पीछे भी एक दिलचस्प किस्सा है। एक बार जब रमेश देव अपने बड़े भाई के साथ एक घोड़े की रेस  देखने गए तब उनकी मुलाकात मराठी निर्देशक राजा परांजपे से हुई। उस दिन राजा परांजपे ने रमेश की मदद से रेस में 21 हजार रुपये जीते। राजा को लगा कि रेमेश उनके लिए लकी है। इसलिए उन्होंने उन्हें फिल्म का ऑफर दे डाला। यह ऑफर ही उनके करियर का वह पहला कदम साबित हुआ जिसने उन्हें मराठी सिनेमा में अपनी पहचान दिलाई।

SSMB 29: क्या एस एस राजामौली की फिल्म में नजर नहीं आएंगे पृथ्वीराज सुकुमारन? अभिनेता ने दी ऐसी प्रतिक्रिया

चाय वाले की बात सुनकर किया हिंदी सिनेमा का रुख

रमेश देव की पहली फिल्म ‘अंधला मगतो एक डोला’ (1956) थी, जिसमें उन्होंने अपनी पहली प्रमुख भूमिका निभाई। इस फिल्म में उनका अभिनय इतना प्रभावी था कि उन्हें मराठी सिनेमा में एक स्थापित कलाकार के रूप में स्वीकारा गया। हालांकि, इसके बाद उनका करियर सिर्फ मराठी सिनेमा तक सीमित नहीं रहा। उन्होंने हिंदी सिनेमा में भी अपने अभिनय की छाप छोड़ी, खासकर राजेश खन्ना की फिल्मों में सहायक भूमिकाएं निभाकर। हिंदी फिल्मों की तरफ उन्हें एक ऐसी घटना ने मोड़ा जो काफी रोचक है।

रत्नागिरी से लौटते समय एक बार उनकी कार पंचर हो गई। उनके साथ उनकी पत्नी सीमा, राजा परांजपे, राजा गोसावी, शरद तलवलकर भी थे। धूल भले रास्ते थे। सबके कपड़ों और चेहरों पर धूल जमा थी। सब चाय पीने एक दुकान पर गए तो उसने एक अल्यूमिनियम के गिलास में पानी पकड़ा दिया। अच्छा गिलास मांगने पर चायवाले ने दुत्कार दिया। रमेश देव इस पर कहा कि भई हम हीरो लोग हैं तो उसने दिलीप कुमार, राज कपूर और वैजयंतीमाला के एक पोस्टर की तरफ इशारा करते हुए कहा कि हीरो ऐसे होते हैं। इस बात से वह काफी ज्यादा आहत हुए उन्होंने हिंदी फिल्मों में आने का फैसला किया। उनकी प्रमुख हिंदी फिल्मों में आनंद, जोरू का गुलाम, आप की कसम और प्रेम नगर जैसे नाम शामिल हैं।

Film Mrs: कई फिल्म फेस्टिवल में सराही गई सान्या मल्होत्रा की फिल्म ‘मिसेज’, इस दिन ओटीटी पर होगी रिलीज

अलग-अलग भाषाओं की फिल्मों में किया काम

रमेश देव का फिल्मी करियर बेहद विविधतापूर्ण रहा। उन्होंने 285 से अधिक हिंदी फिल्मों, 190 मराठी फिल्मों और 200 से अधिक नाटकों में अपनी कला का प्रदर्शन किया। इसके साथ ही उन्होंने 250 से अधिक विज्ञापनों में भी अभिनय किया। उनके अभिनय का अंदाज इतना लुभावना था कि दर्शक उन्हें हर रोल में देखना पसंद करते थे। 

मराठी सिनेमा में भी रहा अतुल्यनीय योगदान

उनका योगदान मराठी सिनेमा को अविस्मरणीय रहा, जिसके लिए उन्हें फिल्मफेयर मराठी लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया।रमेश देव का व्यक्तिगत जीवन भी सिनेमा से जुड़ा रहा। उनकी पत्नी सीमा देव भी एक अभिनेत्री थीं, जिन्हें पहले नलिनी सराफ के नाम से जाना जाता था। उनके बेटे अजिंक्य देव और अभिनय देव, दोनों ही सिनेमा जगत से जुड़े हुए हैं। उन्होंने भी फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाई है। अभिनव देव को ‘देल्ही बेली’ नाम की फिल्म बनाने के लिए जाना जाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *