रणदीप हुड्डा और सनी देओल ने फिल्म ‘जाट’ में काफी एक्शन सींस किए हैं, इनमें काफी वॉयलेंस भी है। इस फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर भी ठीक-ठाक रेस्पॉन्स मिला है। पिछले दिनों फिल्मफेयर से की गई एक बातचीत में रणदीप हुड्डा और सनी दओल ने डिप्रेशन जैसे सब्जेक्ट पर भी बात की। इस समस्या पर उनका क्या सोचना है, जानिए।
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सनी देओल बोले चीजों को भूलना चाहिए
सनी देओल से पूछा गया कि जब वह कोई वायलेंस वाला सीन करते हैं तो उस सिचुएशन से खुद को एक व्यक्ति के तौर पर कैसे बाहर निकालते हैं। इस पर सनी देओल का जवाब था कि यह हमारा काम है। जब हम कोई वॉयलेंस वाला सीन कर रहे होते हैं तो हमें पता होता है कि ये क्या कर रहे हैं। मेरा मानना है कि इन चीजों के बारे में ज्यादा सोचना नहीं चाहिए, चीजों को भूल जाना चाहिए।’
इसी बातचीत के दौरान रणदीप हुड्डा भी मौजूद थे। वह कहते हैं, ‘वेस्ट यानी हॉलीवुड में वॉयलेंस वाले सीन करने के बाद एक्टर्स की थैरेपी होती है। हमारे यहां ऐसा नहीं है। यह सब वेस्टर्न दुनिया के चोंचले हैं। हमारे यहां आर्मी को डिप्रेशन नहीं होता, गरीबों को डिप्रेशन नहीं होता। अरे, यार आगे बढ़ो।आगे बहुत काम करना है। मूव ऑन करना बहुत जरूरी है। मैं मानता हूं कि ये चीजें कुछ हद तक होती हैं लेकिन फिर भी हमें आगे बढ़ना चाहिए।’