बॉलीवुड के चॉकलेटी हीरो और कपूर खानदान के अनमोल सितारे ऋषि कपूर की आज पांचवीं पुण्यतिथि है। 30 अप्रैल 2020 को कैंसर से जंग हारने वाले ऋषि कपूर भले ही हमारे बीच न हों, लेकिन उनकी फिल्में, बेबाक अंदाज और जिंदादिली आज भी फैंस के दिलों में बसी है। ‘बॉबी’, ‘प्रेम रोग’, ‘कभी कभी’ और ‘चांदनी’ जैसी फिल्मों से रोमांस का पर्याय बने ऋषि की जिंदगी के अनसुने किस्से उनकी ऑटोबायोग्राफी ‘खुल्लम खुल्ला’, नीतू कपूर, रणबीर कपूर और कपूर परिवार के बयानों से सामने आते हैं। उनकी पुण्यतिथि पर आइए उनकी जिंदगी से जुड़े कुछ किस्सों के बारे में जानते हैं।
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ऋषि कपूर
– फोटो : इंस्टाग्राम
स्कूल से निकाल दिए गए थे ऋषि कपूर
जब ऋषि मुंबई के कैम्पियन स्कूल में पढ़ रहे थे, उनके पिता राज कपूर ने फिल्म ‘मेरा नाम जोकर’ में उन्हें अपने बचपन का रोल दिया। जब ऋषि शूटिंग के कारण स्कूल नहीं जाते थे तो उनके अध्यापकों को ये बात बहुत अखरती। नतीजा ये हुआ कि उन्हें स्कूल से निकाल दिया गया और राज कपूर को अपने बेटे को दोबारा स्कूल में दाखिल कराने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ा।
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ऋषि कपूर
– फोटो : अमर उजाला
पहला पुरस्कार देख खुशी से झूमे थे दादा पृथ्वीराज
इस फिल्म के लिए ऋषि कपूर को सर्वश्रेष्ठ बाल कलाकार का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था। बाद में उन्होंने अपनी आत्मकथा खुल्लम खुल्ला में लिखा था, ‘जब मैं मुंबई लौटा तो मेरे पिता ने उस पुरस्कार के साथ मुझे अपने दादा पृथ्वीराज कपूर के पास भेजा। मेरे दादा ने वो मेडल अपने हाथ में लिया और उनकी आंखें भर आईं। उन्होंने मेरे माथे को चूमा और भरी हुई आवाज में कहा, ‘राज ने मेरा कर्जा उतार दिया।’
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ऋषि कपूर
– फोटो : इंस्टाग्राम
रविवार को काम नहीं करते थे ऋषि कपूर
ऋषि कपूर ने अपने चाचा शशि कपूर की तरह कभी भी रविवार को काम नहीं किया। रविवार उनके लिए परिवार का दिन होता था, लेकिन शशि कपूर के ठीक विपरीत वो बहुत कड़क और अनुशासनप्रिय पिता थे और अपने बच्चों से बहुत कम बात करते थे। जब चिंटू छोटे थे तो उनकी भी अपने पिता के सामने आवाज नहीं निकलती थी। इस बारे में बात करते हुए नीतू ने बताया था, ‘चिंटू रविवार को आरके स्टूडियो में फिल्म देखते या दोस्तों के साथ गप्पे मारते थे। यह उनका फिक्स रूल था।’
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ऋषि कपूर
– फोटो : इंस्टाग्राम
रणबीर-रिद्धिमा को बिगाड़ना नहीं चाहते थे ऋषि कपूर
ऋषि के बारे में मशहूर था कि वो थोड़े कंजूस थे और उन्हें लोगों को उपहार देना पसंद नहीं था। जब उनका बेटा रणबीर 16 साल का हुआ था तो उन्होंने अपनी मां से एक कार की फरमाइश की, लेकिन चिंटू ने उनसे कहा, तुम्हारी अभी कार रखने की उम्र नहीं आई है। वो अपने बच्चों को बिगाड़ना नहीं चाहते थे। जब तक वो अपने पैरों पर खड़े नहीं हो गए, तब तक उनके बच्चों रिद्धिमा और रणबीर ने हमेशा इकोनॉमी क्लास से सफर किया।