मलयालम फिल्म जगत की चर्चित निर्माता और अभिनेत्री सैंड्रा थॉमस ने बुर्का पहनकर केरल फिल्म प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन कार्यालय में 14 अगस्त की कार्यकारी समिति चुनाव के लिए अपना नामांकन पेश किया। ये कदम उन्होंने इंडस्ट्री में पुरुषों के बढ़ते दबदबे और डॉमिनेशन के खिलाफ अपना विरोध जताने के लिए उठाया।
पुरुषों के दबदबे के खिलाफ फैसला
सैंड्रा ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘मैंने ये कपड़े इसलिए चुने क्योंकि पिछले कई अनुभवों के बाद मुझे यही सही लगा। ये जगह वर्षों से सिर्फ 10‑15 पुरुषों का ही डोमेन रही है।’ उन्होंने साफ किया कि ये प्रदर्शन न सिर्फ व्यक्तिगत सुरक्षा के लिए, बल्कि बदलाव और न्याय की मांग के लिए भी था।
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महिला शक्ति और पारदर्शिता की मांग
सैंड्रा ने केरल फिल्म प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन की वर्तमान नेतृत्व से नाराजगी जताई है कि उन्होंने हेमा कमेटी रिपोर्ट में महिलाओं द्वारा उठाए गए मुद्दों पर चुप्पी साध ली। इसके बाद उन्होंने संगठन में सुधार की मांग की। साथ ही न्याय के लिए आवाज उठाई।
KFPA ने सैंड्रा को भेजा था नोटिस
इससे पहले नवंबर 2024 में KFPA द्वारा सैंड्रा को नोटिस जारी करते हुए उन्हें अयोग्य ठहराया था। उनकी आलोचनाओं और नेतृत्व के खिलाफ गंभीर आरोपों के कारण उन्हें एसोसिएशन से बाहर कर दिया गया था। KFPA ने सैंड्रा को अनुशासनहीन बताया था। वहीं सैंड्रा ने आरोप लगाया था कि एसोसिएशन के वरिष्ठ अधिकारियों ने फिल्म वितरण पर फैसले वाली एक बैठक में अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया, जिसके कारण पुलिस में FIR भी दर्ज की गई थी।
अब सैंड्रा की अगली राजनीतिक और संगठनात्मक लड़ाई 14 अगस्त के चुनाव में निर्णायक हो सकती है- जहां वो KFPA के नेतृत्व के लिए चुनाव लड़ रही हैं।