स्क्विड गेम
– फोटो : इंस्टाग्राम @netflixin
विस्तार
‘स्क्विड गेम’ का पहला सीजन दिलचस्प मोड़ पर खत्म हुआ। पिछले सीजन में जंग-जे का किरदार ‘जी हुन’ की जीत हुई, लेकिन वह डरा हुआ था। हालांकि, पहला सीजन क्लिफहैंगर पर खत्म हुआ, जिसमें जी हुन ने भयावह खेल के पीछे के मास्टरमाइंड से बदला लेने की कसम खाई, जहां हारने का मतलब मौत थी। स्क्विड गेम का बहुप्रतीक्षित दूसरा सीजन 26 दिसंबर को रिलीज हुआ। भारत में यह सीरीज खूब लोकप्रिय हुई और दर्शक इस सीरीज की ओर आकर्षित हुए। वर्तमान में यह देखा गया है कि भारतीय दर्शक ऐसी सीरीज के प्रति बहुत ज्यादा आकर्षित हैं, जिसमें बहुत ज्यादा खतरनाक दृश्य दिखाए हैं। ऐसी साइकोलॉजिकल थ्रिलर सीरीज के प्रति लोग क्यों आकर्षित होते हैं, इस बारे में अमर उजाला ने साइकोलॉजिस्ट डाॅ ओम प्रकाश से बातचीत की, जो मनोचिकित्सा के प्रोफेसर एवं इहबास के उप-मेडिकल अधीक्षक हैं। चलिए मनोचिक्त्सक दृष्टि से जानते हैं कि भारत में ऐसी सीरीज क्यों लोकप्रिय हो रही है और इसके क्या फायदे और नुकसान हैं। जानिए क्या हैं डाॅ ओम प्रकाश की राय