दिग्गज फिल्म निर्माता सुभाष घई ने बॉलीवुड की वर्तमान स्थिति को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए फिल्मों के बजट आदि पर बात की। उन्होंने कहा कि फिल्म के बजट को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाता है। साथ ही उन्होंने कहा कि आज की फिल्मों के बजट का 70% पैसा अभिनेता अपने घर ले जाते हैं। निर्माता ने कहा कि उनका उद्देश्य सिर्फ फिल्में अच्छी बनाना था। आखिर क्या है पूरी बात।
हमने कभी सितारों को 10-15% से ज्यादा नहीं दिया
हाल ही में फिल्म निर्माता सुभाष घई कोमल नाहटा के पॉडकास्ट में पहुंचे, जहां उन्होंने फिल्मों के बजट और निर्माता के बारे में बात की। सुभाष ने कहा कि आज लोग बड़े बजट वाली फिल्म बनाने कि कोशिश करते हैं, जिसके 90% प्रतिशत हिस्से में लोग पैसा कमाने का प्रयास करते हैं। आज उद्योग में कई विभाग हैं और सबका अपना एजेंडा है। कोई भी तय बजट में फिल्म बनाने का प्रयास नहीं कर रहा। उन्होंने अपने दौर का जिक्र करते हुए कहा कि वह फिल्में अच्छी बनाने का प्रयास करते थे, जिसका बजट कम होता था। साथ ही फिल्म निर्माता ने कहा कि वह सितारों को बजट का 10-15% प्रतिशत हिस्सा ही भुगतान करते थे। वहीं आज 70% पैसा तो कलाकार अपने घर ले जा रहा है।
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फिल्मों को हम भगवान मानते थे
सुभाष घई ने कहा कि उन्होंने प्रोडक्शन हाउस अनुशासन लाने के लिए शुरु किया था। सुभाष ने बताया कि उन्होंने कुल 43 फिल्में बनाई, लेकिन एक भी फिल्म बजट से ज्यादा नहीं चली। इसमें भी उन्होंने फायदा कमाया, क्योंकि वित्तीय प्रबंधन अच्छा था। वह कहते हैं कि फिल्में उनके लिए भगवान के समान थी, क्योंकि फिल्में सफल होंगी तभी आप भगवान बनेंगे। आजकल लोग सिर्फ पैसा कमाने में व्यस्त हैं, फिल्मों के सफल होने से उनको कोई मतलब नहीं है। साथ ही उन्होंने कहा कि आज अभिनेता नए निर्माता बन रहे हैं, उनमें फिल्म निर्माण की कला और व्यवसाय दोनों का अभाव है। जिस कारण फिल्मों में गुणवत्ता की कमी आ रही है।
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एक नजर सुभाष घई की ओर
बतौर अभिनेता अपने करियर की शुरुआत करने के बाद सुभाष घई ने निर्देशन करियर में हाथ आजमाया। घई ने कई फिल्मों का निर्देशन किया, जिसमें कुछ फिल्में सुपरहिट साबित हुईं। वो फिल्में इस प्रकार हैं, ‘ऐतराज’, ‘इकबाल’, ‘चाइना टाउन’, ‘अपना अपना मनी मनी’ आदि।