पापा से झगड़कर थिएटर को चुना,नाम-शक्ल पर हंसे लोग:  बच्चों की फीस तक देने के पैसे नहीं थे, फिर पंचायत के माधव बनकर छाए बुल्लू कुमार

पापा से झगड़कर थिएटर को चुना,नाम-शक्ल पर हंसे लोग: बच्चों की फीस तक देने के पैसे नहीं थे, फिर पंचायत के माधव बनकर छाए बुल्लू कुमार

8 मिनट पहलेलेखक: आशीष तिवारी/भारती द्विवेदी कॉपी लिंक महान नाटककार विलियम शेक्सपियर ने कहा था, ‘नाम में क्या रखा है। काम अच्छा होना चाहिए।’ इस लाइन को चरितार्थ कर दिखाया नाटक के जुनून के लिए लिए पिता से झगड़ा और परिवार को उसके हाल पर छोड़ने वाले और अब पंचायत के माधव से घर-घर पहचान…

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