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The Diplomat: इस जाबांज अफसर की सच्ची कहानी पर बनी ‘द डिप्लोमैट’, सुषमा स्वराज की मदद से बची ‘भारत की बेटी’

The Diplomat: इस जाबांज अफसर की सच्ची कहानी पर बनी ‘द डिप्लोमैट’, सुषमा स्वराज की मदद से बची ‘भारत की बेटी’



अपनी देशभक्तिपूर्ण फिल्मों से खासा लोकप्रियता हासिल करने वाले अभिनेता जॉन अब्राहम इस बार एक ऐसी फिल्म करने जा रहे हैं जो देखने में सलमान की फिल्म ‘बजरंगी भाईजान’ की रिवर्स स्टोरी लगती है। वह पाकिस्तान से एक युवती को सुरक्षित निकालने की मेहनत करने वाले भारतीय राजनयिक जितेंद्र पाल सिंह (जे.पी. सिंह) की भूमिका निभा रहे हैं। जॉन अब्राहम कहते हैं, “जे पी सिंह की कहानी जानने के बाद मैं उनसे मिला भी और उनके साथ काफी वक्त भी बिताया। जिस बेटी की उन्होंने जान बचाई, उन्होंने हाल ही में ये फिल्म देखी है और उन्होंने जो कहा वह मेरे अभिनय करियर का सबसे बड़ा इनाम है।”

John Abraham Exclusive: स्याह किरदारों में मेरे भीतर का कलाकार खिलता है, दर्शक भी इनमें खूब प्यार देते हैं




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जे.पी. सिंह
– फोटो : अमर उजाला ब्यूरो, मुंबई


जे.पी. सिंह भारतीय विदेश सेवा (IFS) के 2002 बैच के एक प्रतिष्ठित अधिकारी हैं, जिन्होंने अपने करियर में पाकिस्तान, अफगानिस्तान और ईरान (PAI) डिवीजन में बतौर संयुक्त सचिव कई महत्वपूर्ण कूटनीतिक मिशनों को अंजाम दिया। उनकी सूझबूझ और कूटनीतिक कौशल के कारण ही पाकिस्तान में फंसी भारतीय नागरिक उजमा अहमद की सुरक्षित वापसी संभव हो पाई। हाल ही में, उन्हें इजराइल में भारत के नए राजदूत के रूप में नियुक्त किया गया है। 


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जॉन अब्राहम
– फोटो : अमर उजाला ब्यूरो, मुंबई


साल 2017 में, भारतीय नागरिक उजमा अहमद मलयेशिया में पाकिस्तानी नागरिक ताहिर अली से मिलीं, जिससे उन्हें प्रेम हुआ। ताहिर के बुलाने पर उजमा पाकिस्तान गईं, लेकिन वहां पहुंचने के बाद सच्चाई सामने आई। ताहिर पहले से शादीशुदा था और उसके चार बच्चे थे। जब उजमा ने वापसी की इच्छा जताई, तो ताहिर ने उन्हें बंदूक की नोक पर धमकाया, शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया और जबरन शादी कर ली। उजमा किसी तरह भागकर इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग पहुंचीं और वहां तैनात उप उच्चायुक्त से मदद मांगी। उजमा ने हाल ही में फिल्म ‘द डिप्लोमैट’ देखी है। उजमा के मुताबिक इस फिल्म में जॉन अब्राहम अभिनेता लग ही नहीं रहे हैं, वह तो बिल्कुल जे पी सिंह जैसे दिख रहे हैं।


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फिल्म ‘द डिप्लोमैट’
– फोटो : अमर उजाला ब्यूरो, मुंबई


भारतीय उच्चायोग ने उजमा को शरण दी और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की। इस खतरनाक स्थिति में भारत की इस बेटी को बचाने के लिए भारतीय उच्चायोग के राजनयिक जेपी सिंह ने एक अहम भूमिका निभाई। जेपी सिंह और उनकी टीम ने तुरंत सक्रियता दिखाई और उजमा को पाकिस्तान की अदालत में पेश करने की रणनीति बनाई। इसके बाद, पाकिस्तान में कानूनी लड़ाई शुरू हुई, जहां ताहिर ने उजमा को वापस लेने के लिए दावा किया। तब भारत की तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज इस मामले में आगे आईं और पाकिस्तान सरकार पर दबाव बनाया। 


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उजमा अहमद, सुषमा स्वराज, जे.पी. सिंह
– फोटो : अमर उजाला ब्यूरो, मुंबई


जानकारी के मुताबिक इस्लामाबाद हाई कोर्ट में सुनवाई के बाद, 24 मई 2017 को अदालत ने उजमा को भारत लौटने की अनुमति दी। 25 मई 2017 को उजमा वाघा बॉर्डर से भारत लौटीं, जहां सुषमा स्वराज ने उन्हें ‘भारत की बेटी’ कहकर स्वागत किया और उनकी बहादुरी की सराहना की। इस रोमांचक और भावनात्मक सच्ची घटना को अब बड़े पर्दे पर उतारा जा रहा है। फिल्म द डिप्लोमैट में जॉन अब्राहम ‘जेपी सिंह’ की भूमिका निभा रहे हैं, जबकि सादिया खतीब असल जिंदगी की उजमा अहमद का किरदार अदा करेंगी। 


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