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फिल्मों के डायलॉग
– फोटो : अमर उजाला
मोहब्बत करने वाले पूरी दुनिया से बगावत कर जाते हैं। मगर, कई बार प्यार के ढाई अक्षर बोलने में जुबान लड़खड़ाने लगती है। दिल की बात जुबां पर लाना जंग जैसे लगता है। नहीं? ऐसे में समस्या हल करने को कोई शेर-शायरी का सहारा लेता है तो कोई तोहफों की। मगर, फिल्मों के डायलॉग भी कम मददगार नहीं। पढ़कर देख लीजिए

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फिल्मों के डायलॉग
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ये डायलॉग फिल्म ‘मुगल-ए-आजम’ का है। इसमें दिलीप कुमार और मधुबाला लीड रोल में नजर आए। यह फिल्म साल 1960 में रिलीज हुई थी।

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फिल्मों के डायलॉग
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‘बाजीराव मस्तानी’
रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण अभिनीत इस फिल्म का यह डायलॉग कुछ-कुछ हकीकत जैसा लगता है न? पढ़कर देखिए- ‘इश्क, जो तूफानी दुनिया से बगावत कर जाए वो इश्क, भरे दरबार में जो दुनिया से लड़ जाए वो इश्क, जो महबूब को देखे तो खुदा को भूल जाए वो इश्क’।

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फिल्मों के डायलॉग
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‘मोहब्ब्तें’
फिल्म के नाम से ही इसकी थीम जाहिर है। फिल्म का बढ़िया वाला डायलॉग भी पढ़ लीजिए। ‘मोहब्बत भी जिंदगी की तरह होती है, हर मोड़ आसान नहीं होता, हर मोड़ पर खुशी नहीं मिलती, पर जब हम जिंदगी का साथ नहीं छोड़ते तो मोहब्बत का साथ क्यों छोड़ें’?

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फिल्मों के डायलॉग
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‘कल हो ना हो’
हर प्यार करने वाले को यह भ्रम होता है कि दुनिया में उससे बढ़कर प्यार किसी ने नहीं किया। और इसे गलत भी नहीं कह सकते। आखिर, हर एक की प्रेम कहानी अलग जो है। फिल्म का यह डायलॉग भी कुछ-कुछ ऐसा है। बोलकर देखिए…. मतलब पढ़कर देखिए- ‘प्यार तो बहुत लोग करते हैं, लेकिन मेरे जैसा प्यार कोई नहीं कर सकता, क्योंकि किसी के पास तुम जो नहीं हो’।