8 मिनट पहलेलेखक: हिमांशी पाण्डेय
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नए दौर की दोस्ती, मोबाइल ऐप्स की खतरनाक दुनिया और प्यार में होने वाली जलन कुछ ऐसी ही कहानी पर आधारित है वेब सीरीज ‘नॉक नॉक कौन है?’। यह एडल्ट थ्रिलर वेब सीरीज मई में ‘अमेजन MX प्लेयर’ पर स्ट्रीम हुई है।
इस सीरीज में ‘तान्या’ का किरदार निभाने वालीं आध्या आनंद ने दैनिक भास्कर से खास बातचीत में कहा कि वह हमेशा से कुछ अलग करना चाहती थीं और इस सीरीज ने उन्हें वही मौका दिया।
वेब सीरीज नॉक नॉक कौन है? में काम करने का अनुभव कैसा रहा?
‘नॉक नॉक कौन है? में काम करने का अनुभव बेहद शानदार रहा। जितना आप स्क्रीन पर देख रहे हैं, उससे कहीं ज्यादा मजा मैंने सेट पर किया। इस सीरीज में जो किरदार मैंने निभाया, वह मेरे लिए एकदम नया और चुनौतीपूर्ण था। इससे पहले मैंने ज्यादातर शोज में भोली-भाली और सीधी-सादी लड़कियों के किरदार निभाए हैं।
लेकिन इस बार मेरा रोल काफी अलग है। यह एक बहादुर लड़की की कहानी है, जो अकेले ही मुश्किल हालातों का सामना करती है और हर चुनौती को मजबूती से संभालती है। जब सीरीज का टीजर आया, तो लोगों को यह देखकर हैरानी हुई कि मैं इतना बोल्ड और स्ट्रॉन्ग किरदार निभा रही हूं। मुझे खुशी है कि मुझे अपने कम्फर्ट जोन से बाहर निकलकर कुछ नया करने का मौका मिला।

इस सीरीज में आपका किरदार कितना चुनौतीपूर्ण था? आप उसमें खुद को कितना देख पाती हैं?
इस सीरीज में मेरा जो किरदार था, वह वास्तव में मेरे लिए बेहद चुनौतीपूर्ण रहा। वैसे तो हर किरदार अपने आप में एक चैलेंज होता है, लेकिन अब तक के सभी किरदारों के मुकाबले यह रोल एकदम अलग था। पहले जिन किरदारों को निभाया, उनके लिए मुझे यह अंदाजा होता था कि उन्हें कैसे निभाना है। लेकिन यह थोड़ा अलग था।
कई बार ऐसा भी हुआ जब किरदार में डूब जाना इतना भारी पड़ गया कि उससे बाहर आना मुश्किल हो गया। मुझे पैनिक अटैक तक आने लगे थे। कई बार तो मैं इतना ज्यादा नर्वस हो जाती थी कि समझ नहीं आता था क्या करूं, किससे बात करूं। लेकिन मैं खुद को बेहद खुशकिस्मत मानती हूं कि सेट पर मुझे डायरेक्टर का जबरदस्त सपोर्ट मिला।
नॉक नॉक कौन है? इस टाइटल से जुड़ी आपकी पहली प्रतिक्रिया क्या थी?
शुरुआत में इस सीरीज का नाम नॉक नॉक कौन किलर? था। जब मैंने ये नाम पहली बार सुना, तो मेरा रिएक्शन था वाह, इसमें तो किसी न किसी का मर्डर जरूर होने वाला है। उस वक्त लग रहा था कि कहानी बहुत थ्रिलिंग और सस्पेंस से भरपूर होगी। लेकिन लास्ट मोमेंट पर इसका टाइटल बदलकर नॉक नॉक कौन है? रख दिया गया। हालांकि नाम बदला, लेकिन कहानी का थ्रिल और सस्पेंस बना रहा।
जब मेरी प्रोड्यूसर से पहली बार मीटिंग हुई, तो उन्होंने मेरे किरदार के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि यह किरदार कहानी की रीढ़ है। पूरी कहानी उसी के इर्द-गिर्द घूमती है। आखिर में वही किरदार है जो अपने दोस्तों के साथ मिलकर इस रहस्य से पर्दा उठाने की कोशिश करता है कि ये सब हो क्या रहा है और इसके पीछे कौन है।

इस वेब सीरीज की सबसे बड़ी यूएसपी (USP) आप क्या मानती हैं?
इस वेब सीरीज की सबसे बड़ी यूएसपी इसका सस्पेंस है। आखिरी एपिसोड तक यह अंदाजा लगाना मुश्किल हो जाता है कि असली किलर कौन है। मेकर्स ने हमसे भी किलर की पहचान को अंत तक छुपाए रखा। शुरुआती 8 एपिसोड तक हमें स्क्रिप्ट ही नहीं दी गई थी। इसके अलावा यह वेब सीरीज आज के युवाओं के लिए काफी प्रासंगिक है। इसमें दिखाया गया है कि सोशल मीडिया किस तरह हमारी जिंदगी को प्रभावित कर सकता है।
आज के दौर में सोशल मीडिया और मोबाइल ऐप्स पर बनने वाली दोस्ती को आप किस नजर से देखती हैं?
सोशल मीडिया पर आप दो तरीकों से दोस्ती कर सकते हैं या तो किसी से बात करके उसे जान सकते हैं या फिर उसके जरिए लोगों से जुड़ सकते हैं। यह एक ऐसा माध्यम है, जिसके जरिए लोग एक-दूसरे को बेहतर ढंग से समझ पाते हैं, इस लिहाज से यह काफी उपयोगी है।
हालांकि, कुछ लोग आज भी यह नहीं समझ पाए हैं कि सोशल मीडिया का सही इस्तेमाल कैसे किया जाए। मस्ती और मौज-मस्ती में वे भूल जाते हैं कि इसे बड़ी सावधानी और जिम्मेदारी के साथ इस्तेमाल करना चाहिए। फिर भी आजकल के युवा काफी स्मार्ट हैं। उन्हें अच्छी तरह मालूम है कि उनके लिए क्या सही है और क्या नहीं।
शो में ‘प्यार में जलन’ की जो थीम है, क्या आपको लगता है ये रियल लाइफ में भी उतनी ही खतरनाक हो सकती है?
प्यार में जलन होना एक आम बात है। जब कोई किसी रिश्ते में होता है, तो कहीं न कहीं थोड़ी-बहुत जलन ज़रूर महसूस होती है। लेकिन मेरा मानना है कि हर स्थिति को समझदारी से लेना ज़रूरी होता है, क्योंकि कभी-कभी प्यार में जलन खतरनाक भी साबित हो सकती है।
मैं यह भी मानता हूं कि जो आपका है, वह किसी भी हाल में आपका ही रहेगा। और अगर कोई छोटी-सी बात पर नाराज होकर चला जाए, तो समझ लेना चाहिए कि वो कभी आपका था ही नहीं।

आपने ‘बॉम्बे बेगम्स’ में पूजा भट्ट के साथ काम किया। अनुभव कैसा रहा?
बॉम्बे बेगम्स में पूजा भट्ट के साथ काम करने का अनुभव वाकई शानदार रहा। मैं उन्हें अपनी दूसरी मां मानती हूं। उस समय मैं काफी छोटी थी, और उन्होंने हर कदम पर मेरी मदद की। उन्होंने मुझे गाइड किया कि किसी सीन को कैसे बेहतर बनाया जा सकता है, किस तरह से परफॉर्म करना है और सेट पर कैसे पेश आना चाहिए। उनके साथ काम करना न सिर्फ सीखने का मौका था, बल्कि एक भावनात्मक जुड़ाव भी था। कुल मिलाकर मेरा अनुभव बहुत ही खास और यादगार रहा।”