‘नॉयनतारा’ में दोहरी भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं नारायणी: पर्दे पर ड्रामा भरे लाइफ जीने वाली एक्ट्रेस को असल जिंदगी में चाहिए सिंपल लाइफ

‘नॉयनतारा’ में दोहरी भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं नारायणी:  पर्दे पर ड्रामा भरे लाइफ जीने वाली एक्ट्रेस को असल जिंदगी में चाहिए सिंपल लाइफ


8 मिनट पहलेलेखक: उमेश कुमार उपाध्याय

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ढाई दशक से टेलीविजन जगत में सक्रिय नारायणी शास्त्री एक बार फिर कलर्स चैनल पर 9 जून से प्रसारित होने जा रहे ‘नॉयनतारा’ में लता और लोलिता की दोहरी भूमिका निभाते नजर आएंगी। इससे पहले उन्होंने ‘पिया का घर’ में दोहरी भूमिका निभाई थी। ड्रामा-भरे सीरियल्स में काम करने वाली नारायणी अपनी रियल लाइफ को सादा-सिंपल बताती हैं।

नारायणी दोहरी भूमिका की चुनौती, निगेटिव रोल निभाने की संतुष्टि और अपने ढाई दशक की जर्नी के बारे में दैनिक भास्कर को बताती हैं…

आप सालों से सशक्त भूमिकाएं निभाते आ रही हैं। ‘नयनतारा’ की कौन-सी बात आकर्षित कर गई, जो इसे करने के लिए तैयार हुईं?

जब हम बहुत सारा काम कर चुके होते हैं, तब खोजते हैं कि क्या डिफरेंट और क्या मोर इंटरेस्टिंग कर सकते हैं, जिससे ऑडियंस बोर न हो। देखिए, अगर ऑडियंस बोर हो गई, तब हमें अगली बार काम नहीं मिलेगा। इस शो में डबल रोल कर रही हूं, इसलिए मेरे बोर होने की गुंजाइश बिल्कुल नहीं है। जब एक एक्टर काम करते हुए एंजॉय करता है, तब उसकी फीलिंग से ऑडियंस कनेक्ट होती है। इस शो को हां बोलने के लिए मेरी सबसे बड़ी वजह इसकी शानदार स्क्रिप्ट है।

शो की राइटर शहाना जी औरतों के किरदार बहुत अच्छे से लिखती हैं, यह भी प्लस प्वाइंट था। दूसरा, ओवर ऑल स्टोरी है। शो कोई एक नहीं बनाता, जब सारे कैरेक्टर स्ट्रांग हो और कैरेक्टर्स की केमिस्ट्री अच्छी हो, तब एक अच्छा शो बनता है। इस शो में वह सब कुछ है और यही शो करने की वजह भी है।

आप दो दशक (‘पिया का घर’) बाद दोहरी भूमिका निभा रही हैं। इसकी चुनौती और खुशी, दोनों व्यक्त कीजिए?

एक्चुअली, चुनौती जितनी ज्यादा होती है, काम करने में उतना ही ज्यादा मजा आता है। आसान काम तो कोई भी कर सकता है। इसमें जो दो कैरेक्टर हैं, वह कब इधर से उधर और उधर से इधर हो जाएंगे, उसके लिए दिमाग चलाना बहुत जरूरी था। इसे लेकर हम सभी सेट पर थोड़े केयरफुल रहते थे कि अभी जो सीन शूट कर रहे हैं, वह हूं या यह हूं। एक बार तो लता और लोलिता के किरदार को हम सबके बीच कंफ्यूजन भी हो गया था। कुछ बड़ा नहीं हुआ था, उसे तुरंत करेक्ट कर लिया था। हां, उस चीज को लेकर हम आगे अलर्ट हो गए।

इस सुपरनैचुरल शो में कैरेक्टर प्ले करते समय कुछ इमोशनल या अनइजी पल रहा हो, तब वह क्या रहा?

नहीं, ऐसा कुछ नहीं है। एक तो अभी तक मैंने बहुत सारी शूटिंग करनी शुरू नहीं की है। अब तक कुछ इधर-उधर के सीन ही शूट किए हैं, क्योंकि शो में मेरी एंट्री बाद में है।

अच्छा, निजी जीवन का ही कोई भावुक पल रहा हो, जिसमें अभिनय भी करना पड़ा हो, तब वह क्या रहा?

मेरी निजी जिंदगी बड़ी सिंपल स्टेट है, ऐसी कोई बड़ी ट्रेजेडी नहीं हुई है, जिसकी वजह से तकलीफ हुई हो। अनफॉर्च्युनिटली ऐसा कभी कुछ नहीं हुआ है। सीधी-सिंपल जिंदगी है, जो चल रही है।

बतौर एक्टर निगेटिव रोल प्ले करने में कितनी संतुष्टि मिलती है?

सबसे पहली बात, जब हम पॉजिटिव रोल प्ले करते हैं, तब बहुत रोना पड़ता है। मैंने आधे करियर में पॉजिटिव रोल ही किए हैं। अपने पहले के शो में अच्छी बहू और अच्छी बेटी का रोल प्ले करती थी, तब ग्लिसरिन ले-लेकर आंखें सूज जाती थी। वहीं निगेटिव रोल करते हो, तब अपने अंदर की कमीनी हरकत, गुस्सा और फ्रस्टेशन बाहर निकालकर खाली हो सकते हो। मुझे निगेटिव रोल करने में बहुत मजा आता है।

अपने ढाई दशक की जर्नी को किस तरह से देखती हैं। इसका मूल मंत्र क्या है?

ईमानदारी से कहूं, तब पता ही नहीं चलता है कि इतने साल हो गए हैं। जब कोई बोलता है, तब लगता है कि इतना टाइम हो गया है। यह भगवान की कृपा है, जो काम मिलता आया है। मेरा इनपुट हार्ड वर्क है। मैं अपने काम के लिए कुछ भी कर सकती हूं। मुझे मेरा काम बेहद पसंद है, इसके लिए 200 परसेंट दे सकती हूं। अपने काम के टाइम सब कुछ दे देती हूं।

कुछ लोग ऐसे होते हैं, जिनको ऐसे जॉब मिलते हैं, जो अपने काम से प्यार नहीं करते। लेकिन उसका ट्रिक यही है कि झूठ बोले- मेरा काम मुझे बहुत पसंद है। तब बुरा नहीं लगेगा। मैं लकी हूं कि मेरा काम मुझे बहुत पसंद है। हार्ड वर्क इज द गुरुमंत्र। हार्डवर्क नहीं छोड़ना चाहिए, भले ही कितने लकी क्यों न हो आप।

इस जर्नी में क्या बदलाव देखती हैं?

टेक्निकली कहूं, तब हम कहां से कहां पहुंच गए हैं। मतलब, बीएफएक्स कहिए, कैमरा कहिए, टेक्निकल्स का काम बहुत आसान हो गया है, क्योंकि टेक्नोलॉजी बहुत आगे बढ़ गई है। जहां तक भव्यता की बात है, सो कलर्स का शो है- भव्य तो होगा ही!

सेट पर ऑफ स्क्रीन सबसे ज्यादा ड्रामा कौन करता है?

मेरी अभी तक को-स्टार के साथ ज्यादा शूटिंग हुई नहीं है। लेकिन जहां तक हुई है, उसमें देखा कि कोई ड्रामा वाले लोग नहीं हैं, बल्कि सभी बड़े सिंपल लोग हैं। श्रुति बिष्ट बहुत प्यारी लड़की है। वह बहुत ही क्यूट है। अपना काम ढंग से करती है। अर्जुन भी कोलकाता के नामचीन एक्टर हैं, सो वह परेशान करेंगे नहीं। हां, थोड़ा क्यूट-सा हसी है, वह कभी-कभार कर लेता होगा। लेकिन अच्छे और बड़े सिंपल एक्टर हैं।

अगर आप रियल लाइफ में लता और लोलिता, दोनों होती, तब उन्हें क्या कहना चाहतीं?

मैं यह नहीं बताऊंगी कि किसको क्या पसंद है। एक के पास धन-दौलत, परिवार सब कुछ है, जबकि दूसरे के पास कुछ भी नहीं है, उसको सब कुछ चाहिए।

आपको रियल लाइफ में क्या चाहिए?

मुझे जो चाहिए, वह सब मेरे पास है। मुझे सिंपल-सीधी लाइफ चाहिए, जो बिना ड्रामे के निकले। मेरी फैमिली, मेरे हस्बैंड नॉन-ड्रामा लोग हैं और मेरी लाइफ में सब कुछ है। मैं बहुत खुश हूं।

चलते-चलते बताइए कि लोलिता पॉजिटिव है, ग्रे है या विलेन है। कैसे डिफाइन करेंगी कि वह क्या है?

लोलिता सब कुछ है। अलग-अलग समय पर वह पॉजिटिव है, खूंखार है, प्यारी है… वह सब कुछ है। समय-समय की बात है।

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