मां के जनाजे में नहीं जा सके अदनान सामी: पाकिस्तान ने वीजा देने से इनकार किया, सिंगर बोले- मां मर गई, पूरा जनाजा वॉट्सऐप वीडियो पर देखा

मां के जनाजे में नहीं जा सके अदनान सामी:  पाकिस्तान ने वीजा देने से इनकार किया, सिंगर बोले- मां मर गई, पूरा जनाजा वॉट्सऐप वीडियो पर देखा


5 मिनट पहले

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अदनान सामी पाकिस्तानी सिटिजनशिप छोड़कर इंडियन सिटिजनशिप ले चुके हैं। इस बात से नाराज पाकिस्तानी सरकार ने उन्हें मां के जनाजे में तक शामिल होने की इजाजत नहीं दी। अदनान सामी ने कहा है कि जब 2024 में उनकी मां का इंतकाल हुआ तो उन्होंने पाकिस्तान जाने के लिए वीजा के लिए अप्लाई किया था। लेकिन उनकी एप्लिकेशन रिजेक्ट कर दी गई।

हाल ही में आप की अदालत में अदनान सामी ने कहा है, कुछ महीने पहले मेरी मां का इंतकाल हुआ। हम सिर्फ दो भाई हैं। मेरे वालिद साहब का इंतकाल हुआ था 2009 में। मां का इंतकाल बहुत बड़ा सदमा था, क्योंकि उन्हें किसी तरह की कोई बीमारी नहीं थी। बस ऊपरवाले का हुकुम हुआ और उन्हें बुला लिया गया। उनके जनाजे पर मैं जाना चाह रहा था। मैं सबसे बड़ा हूं। मैंने यहां (भारत) की सरकार से पूछा कि इस तरह हुआ है, मैं जाना चाहता हूं तो आपको कोई ऑब्जेक्शन तो नहीं, तो उन्होंने कहा कि आपकी मां का इंतकाल हुआ है आपको जरूर जाना चाहिए, हमें कोई दिक्कत नहीं है। वहां (पाकिस्तान) की जो हाई कमिशन हैं, वो भी बहुत अंडरस्टैंडिंग थीं। मैंने फिर वहां वीजा के लिए अप्लाई किया। उन्होंने रिफ्यूज कर दिया। मैंने कहा, मेरी मां मर गई है, मेरी मां का इंतकाल हुआ है। उन्होंने इनकार कर दिया।

आगे अदनान सामी ने कहा, मैंने उनका पूरा जनाजा वॉट्सऐप वीडियो पर देखा है। ये कहते ही अदनान सामी भावुक हो गए।

अदनान सामी ने सोशल मीडिया में मां के निधन की जानकारी दी थी।

अदनान सामी ने सोशल मीडिया में मां के निधन की जानकारी दी थी।

बताते चलें कि अदनान सामी ने पाकिस्तान छोड़कर इंडियन सिटिजनशिप ले ली है। भारतीय नागरिकता मिलने के बाद उनसे पाकिस्तान में स्थित प्रॉपर्टी के मालिकाना हक भी छीन लिए गए थे। हालांकि सिंगर को इसका कोई पछतावा नहीं है।

बातचीत के दौरान रजत शर्मा ने उसने पूछा था कि जब पहलगाम आतंकी हमला हुआ, तब सारे पाकिस्तानियों को वापस भेजे जाने का ऐलान हुआ, तो क्या आपको डर लगा। इस पर सिंगर ने कहा, बिल्कुल नहीं। देखिए, एक दफा अगर आप बंध गए तो बंध गए। यहां उन्होंने मुझे सिर्फ सिटिजनशिप नहीं दी, बल्कि बहुत प्यार और इज्जत दी। मेरी जिंदगी का जो सफर है, जो मैंने काम किए हैं उसके तहत उन्होंने मुझे पद्मश्री दिया। वहां की सरकार ने मुझे कभी भी अवॉर्ड नहीं दिया।

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