बॉम्बे हाईकोर्ट ने टीवीएफ की अमेजन प्राइम वीडियो पर शुक्रवार से प्रसारित होनी शुरू हुई वेब सीरीज ‘ग्राम चिकित्सालय’ के प्रसारण पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया है। अमेजन प्राइम के खिलाफ फिल्म निर्देशक राज शांडिल्य और निर्माता विमल लाहौटी ने अपील की थी कि ये सीरीज उस फिल्म की कहानी पर आधारित है जिसके लिए वह अनिंद्य विकास दत्ता से उनकी स्क्रिप्ट का सौदा कर चुके हैं। अदालत ने आखिरी मौके पर की गई अपील को ये कहते हुए खारिज कर दिया कि ये बहुत देर से दाखिल की गई याचिका है।

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वेब सीरीज ‘ग्राम चिकित्सालय’
– फोटो : अमर उजाला ब्यूरो, मुंबई
जानकारी के मुताबिक शांडिल्य और लाहोटी की साझा फिल्म निर्माण कंपनी कथावाचक फिल्म्स की ओर से आरोप लगाया गया था कि उन्होंने लेखक-निर्देशक अनिंद्य विकास दत्ता को फिल्म ‘क्वैक शंकर’ जिसका नाम बदलकर बाद में ‘क्वैक शंभू’ कर दिया गया, को निर्देशित करने के लिए उनकी स्क्रिप्ट के आधार पर साइन किया था। आरोप है कि टीवीएफ की वेब सीरीज ‘ग्राम चिकित्सालय’ को दत्ता की स्क्रिप्ट से ही कॉपी किया गया है।

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वेब सीरीज ‘ग्राम चिकित्सालय’
– फोटो : अमर उजाला ब्यूरो, मुंबई
मामले की सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति मनीष पिताले की एकल पीठ ने इस आधार पर आवेदन को खारिज कर दिया कि कथावाचक फिल्म्स ने आखिरी समय में अदालत का दरवाजा खटखटाया है जबकि वेब सीरीज के प्रसारण की तारीख यानी कि 9 मई की जानकारी सबको 7/8 फरवरी से ही थी। अदालत ने यह भी माना कि कथावाचक फिल्म्स यह साबित नहीं कर पाई कि वेब सीरीज की कहानी दत्ता की स्क्रिप्ट, क्वैक शंकर से ली गई थी।

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वेब सीरीज ‘ग्राम चिकित्सालय’
– फोटो : अमर उजाला ब्यूरो, मुंबई
कथावाचक फिल्म्स ने आरोप लगाया कि दत्ता ने 2021 में अपनी पंजीकृत स्क्रिप्ट अभिनेता विनय पाठक को भेजी थी, लेकिन उनके बीच बात नहीं बनी क्योंकि विनय पाठक केवल एक विशेष भूमिका में ही काम करना चाहते थे, जो दत्ता को स्वीकार्य नहीं था। कथावाचक फिल्म्स का आरोप है कि अभिनेता ने फिर स्क्रिप्ट को द वायरल फीवर (TVF) को निर्माण के लिए दिया और और बदले में श्रृंखला में मुख्य भूमिका हासिल की।

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टीवीएफ ने अदालत में ये साबित कर दिया कि वेब सीरीज ‘ग्राम चिकित्सालय’ के लिए टीवीएफ ने ही अभिनेता विनय पाठक से संपर्क किया था, न कि इसके विपरीत, जैसा कि कथावाचक फिल्म्स ने आरोप लगाया था। टीवीएफ ने ये भी साबित किया कि वेब सीरीज ‘ग्राम चिकित्सालय’ की स्क्रिप्ट दो लेखकों वैभव सुमन और श्रेया श्रीवास्तव द्वारा लिखी गई थी, जिन्हें इसके द्वारा नियुक्त किया गया था। अदालत ने माना कि प्रथम दृष्टयाटीवीएफ की ओर से ‘क्वैक शंकर’ के केंद्रीय विचार और दृश्यों की नकल करने का कोई प्रयास नहीं दिखाई दिया। अदालत के मुताबिक, “प्रथम दृष्टया, एक शिक्षित एमबीबीएस डॉक्टर का ग्रामीण क्षेत्र में पहुंचना, ग्रामीण लोगों और एक मौजूदा वैद्य, जो कथित तौर पर एक क्वैक है, के साथ बातचीत करना कॉपीराइट योग्य विचार नहीं कहा जा सकता।”